केजीएमयू
स्लीप समिट 2024
लखनऊ। अधूरी नींद पूरी न होने से शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियां होने की संभावना रहती है। इन बीमारियों में प्रमुख रूप से कार्डियक, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा सहित अन्य बीमारियां शामिल हैं। कुछ मरीजों को नर्व की बीमारी भी हो सकती है।
इससे मरीज को लकवा मार सकता है। यही नहीं याददाश्त भी कमजोर हो सकती है। यह बात किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने बृहस्पतिवार को पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग की ओर से स्लीप समिट-2024 को संबोधित करते हुए कही।
कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि वर्तमान में बदलती जीवन शैली से अधूरी नींद की परेशानी का सबब बन सकती है। इससे पहले तो मरीज की दिनचर्या प्रभावित होती है। नींद न आने का बड़ा कारण तनाव व आधुनिक लाइफ स्टाइल भी है।
लक्षणों के आधार पर नींद संबंधी बीमारी का समय पर इलाज विशेषज्ञ डाक्टर से करा सकते हैं। पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. वेद प्रकाश ने कहा कि भारत में दस प्रतिशत वयस्क नींद न आने की परेशानी से परेशान चल रहे हैं, लेकिन ज्यादातर वयस्कों में यह बीमारी पता नहीं चल पाती है। जब अन्य बीमारियां से दिक्कत बढ़ने लगती हैं, तब नींद पूरी न होने की बात का पता चलता है।कार्यशाला में विशेषज्ञ डा. वीपी सिंह,, पीजीआई डा. मानसी, लोंिहया संस्थान डा. हेमंत कुमार ने नींद से होने वाले विकारों व नयी चिकित्सा पर जानकारी दी।
बीमारी के यह लक्षण हो सकते है।
दिन में अधिकाधिक सोना, नीद आने में कठिनाई, रात में बार-बार जागना,नींद पूरी ना होना, तेज खर्राटे आना,नींद के दौरान चोकिंग हो जाना,सरदर्द,थकान एवं चिड़िचड़ापन, याददाश्त में कमी,
निराकरण- अच्छी नींद के टिप्स, नियमित व्यायाम ,मोटापे पर निंयंत्रण, योग करना।