लखनऊ । उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव के लिए प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपने चुनावी एजेंडा में स्वास्थ्य सेवाओं को मुद्दा नहीं बनाया है, इससे नाराज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने राजनीतिक दलों को पत्र भेजकर दस सूत्री मांगों को एजेंडा में शामिल करने की मांग की। यह जानकारी एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. पीके गुप्ता ने शनिवार को आईएमए भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में दी। उन्होंने कहा कि किसी भी दल ने स्वास्थ्य सेवाओं को टॉप पांच में चुनावी मुद्दा नहीं बनाया है।
पोलियो जैसे अभियान को चलाने की जरूरत है –
अपनी मांगों के संबंध में उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण से होने वाली बीमारियों व जनसंख्या नियंत्रण जैसे मुद्दे को शामिल किया जाना चाहिए था। टीबी रोग नियंत्रण के लिए पोलियो जैसे अभियान को चलाने की जरूरत है। पूर्वांचल में इंसेफलाइटिस की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाया जाना चाहिए। क्लीनिकल इस्टेबलिस्मेन्ट एक्ट में संशोधन हो, जिससे छोटे अस्पताल, क्लीनिक व जांच केन्द्रों को मुक्त रखा जाए। डाक्टर्स व अस्पतालों के विरूद्ध मारपीट व तोड़फोड़ से संबंधित मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट का कड़ाई पालन किया जाए। इस मौके पर एसोसिएशन के सचिव डा. जीडी रावत आैर उपाध्यक्ष डा. जीपी सिंह ने स्वास्थ्य सेवाओं को सबसे बड़ा मुद्दा करार दिया।