लखनऊ। कैंसर मरीजों के लिए नयी दवाएं आ गयी है, जो कि मरीजों के लिए संजीवनी से कम नहीं है। ऐसे मरीज जिनका सर्जरी मुमकिन नहीं होता है। रेडियोथेरेपी भी सफल नहीं होती है। इनके पहले व दूसरे लाइन की कीमोथेरेपी भी काम नहीं करती है, लेकिन इनमें इम्यूनोथेरेपी का ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। इम्यूनोथेरेपी न सिर्फ बीमारी से आराम दिला रही है। यही नहीं कई प्रकार के कैंसर से छुटकारा भी मिल रहा है। यह बात किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेडियोथेरेपी विभाग के डॉ. सुधीर सिंह ने बुधवार को कलाम सेंटर में इम्यूनो आंको समिट के पहले दिन संबोधित करते हुए कही।
डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि कैंसर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कैंसर की सीटी स्कैन, बायोप्सी, पेट स्कैन, मॉलीक्यूलर जांचों से कैंसर की सही जानकारी प्राप्त की जा रही है। मरीजों को कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी से इलाज हो रहा है। मरीज की बीमारी के अनुसार सर्जरी भी की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि कुछ मरीजों पर कीमोथेरेपी व टारगेटेड थेरेपी असर नहीं करती है। इलाज के बाद भी बीमारी कंट्रोल में नहीं रहती है। ऐसे मरीजों को इम्यूनोथेरेपी से इलाज कि या जा रहा है। उन्होंने बताया कि सौ मरीजों में से दस ऐसे होते हैं ,जो तेजी से ठीक हो रहे हैं। डा. सुधीर ने बताया कि जिन मरीजों पर कीमो बिलकुल काम नहीं किया, ऐसे 20 मरीजों में कैंसर बढ़ना थम रहा
मेडिकल आंकोलॉजिस्ट डॉ. आलोक गुप्ता ने कहा कि इम्यूनोथेरेपी तीसरी व चौथे स्टेज के कैंसर मरीजों के लिए रोशनी की किरण के समान है। शरीर के विभिन्न अंगों में फैल चुके कैंसर से भी आराम मिल रहा है। लाइफ क्वालिटी में भी सुधार हो रहा है। फेफड़े, किडनी, त्वचा समेत दूसरे अंगों कैंसर में बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
डा. सुधीर ने बताया कि कीमोथेरेपी व टारगेट थेरेपी के अपने दुष्प्रभाव है। रेडियोथेरेपी के दौरान भी मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन इम्यूनोथेरेपी के दुष्प्रभाव न के बराबर हैं। शरीर का इम्यूनो सिस्टम कैंसर कोशिकाओं को ढूंढ़कर मारती है।
कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि कैंसर पर काबू पाने के लिए स्क्रीनिंग बढ़ाने की आवश्यकता है। स्क्रीनिंग से कैंसर को शुरूआती अवस्था में पहचाना जा सकता है। उन्होंने कहा कि महिलाएं बीमारी व लक्षणों को छिपाती है। हालत गंभीर होने पर अस्पताल आती हैं। ऐसे में डॉक्टरों के पास करने के लिए कुछ नहीं होता है। रेडियोथेरेपी विभाग के डॉ. राजीव गुप्ता ने कहा कि कैंसर के आधुनिक इलाज ने मरीजों की जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया है। उन्होंने बताया कि इम्यूनोथेरेपी काफी महंगी दवा है। लिहाजा गरीब मरीज दवा खरीदने में सक्षम नहीं होते हैं। लेकिन सरकार की तमाम योजनाओं में पंजीकरण कराकर मरीज पूरा इलाज करा सकते हैं।