अंडाशय के कैंसर से मौत के मामलों में कमी –
लंदन – एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि गर्भ निरोधक गोलियों के सेवन में वृद्धि के कारण दुनिया भर में अंडाशय के कैंसर से मौत के मामलों में कमी आ रही है। शोधकर्ताओं का कहना है कि वर्ष 2002 से 2012 के दौरान दुनिया भर में अंडाशय के कैंसर से मौत के मामलों में कमी आई है।
उन्होंने अनुमान जताया है कि अमेरिका और यूरोपीय संघ में अंडाशय के कैंसर से मौत के मामलों में कमी का सिलसिला जारी रहेगा और जापान में वर्ष 2020 तक मामूली ही सही, अंडाशय के कैंसर से मौत के मामलों में कमी आएगी। इटली स्थित मिलान विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कार्लो ला वेशिया की अगुवाई में शोधकर्ताओं ने दावा किया कि अंडाशय के कैंसर से मौत के मामलों में कमी का मुख्य कारण मुंह के जरिये ली जाने वाली गर्भनिरोधक गोलियां और उनके जरिये अंडाशय के कैंसर से दीर्घकालिक सुरक्षा है।
हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी एआरटी और बेहतर निदान की हो सकती है भूमिका –
उन्होंने कहा कि रजोनिवृत्ति के लक्षणों के उपाय ‘हार्मोन रिप्लेसमेंट थैरेपी एचआरटी और बेहतर निदान तथा इलाज की भी भूमिका हो सकती है। वर्ष 1970 से लेकर हाल फिलहाल तक विश्व स्वास्थ्य संगठन के पास उपलब्ध अंडाशय के कैंसर से मृत्यु के आंकड़ों के आधार पर शोधकर्ताओं ने पाया कि यूरोपीय संघ में साइप्रस को छोड़ कर शेष 28 देशों में अंडाशय के कैंसर से मौत के मामलों में वर्ष 2002 से 2012 के बीच दस फीसदी की कमी आई है।
यहाँ आयी मृत्यु दर मे कमी –
- अमेरिका में ऐसी मौत में कमी की दर 16 फीसदी रही। वहां वर्ष 2002 में अंडाशय के कैंसर से महिलाओं की मौत के मामले वर्ष 2002 में प्रति 100,000 महिलाओं में 5.72 फीसदी थे जो वर्ष 2012 में घट कर 4.85 फीसदी दर्ज किए गए।
- कनाडा में इसी अवधि में मृत्यु दर 5.42 फीसदी से 8 फीसदी घट कर 4.95 फीसदी रही। अन्य देशों की तुलना में जापान में अंडाशय के कैंसर से मौत की दर कम है और वहां भी इस बीमारी से प्रति 100,000 महिलाओं की मौत की दर 3.3 फीसदी से दो फीसदी घट कर 3.28 फीसदी दर्ज की गई है।
- न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में भी अंडाशय के कैंसर से मौत के मामलों में कमी दर्ज की गई है।
(भाषा)