लखनऊ । इंडियन सोसाइटी ऑफ हॉस्पिटल वेस्ट मैनेजमेंट के 18 वी वार्षिक कॉन्फ्रेंस का आयोजन किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के एन्वॉयरमेंट विभाग ने अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में किया गया। उद्घाटन समारोह में कॉफ्रेंस के आयोजन सचिव डॉ. अनुपम बाखलु , उप सचिव डॉ. परवेज, डॉ. कीर्ति श्रीवास्तव, डॉ. डी. हिमांशु, साऊथ ईस्ट एशिया रीजन के प्रमुख डॉ.अलेक्जेंडर ने दीप जलाकर किया।
इस अवसर पर डॉ.अनुपम बाखलु ने कहा कि ये हमारे लिए बड़े गर्व की बात है कि हम लोग उस विषय पर कॉफ्रेंस कर रहे है जो कि भारत मे बहुत ही ज्वलंत मुद्दे के रूप में है। इस पर अभी हम सबको बहुत कार्य करना है।
वैज्ञानिक सत्र में डॉ. परवेज ने बताया कि प्रभावी रूप से कूड़े का किस प्रकार का मैनेजमेंट होना चाहिए। इसके लिए आवश्यक है कि अस्पताल का कूड़ा अलग अलग करके रिसायकल किया जाए।
डॉ कीर्ती श्रीवास्तव ने कहा कि रिसायकल के बाद प्राप्त होने वाले पदार्थ उपयोगी होते है जिससे आर्थिक लाभ भी कमाया जा सकता है। अगले सत्र में डॉ.डी.हिमांशु ने बताया कि नुकीले कूड़े जैसे निडिल, ऑपरेशन के समय प्रयुक्त होने वाले औजारों को अलग एकत्र करना चाहिये और पूरी सावधानी से प्रोटोकॉल के अनुसार डिस्पोज करना चाहिए । इससे कर्मचारियों को खतरनाक संक्रमण से बचाया जा सकता है।
यूनाइटेड किंगडम की रुथ स्टिंगर ने अस्पताली कूड़े के वैश्विक दुष्प्रभावों की चर्चा की। बेंगलोर से आई डॉ. सुमन ने खुद के द्वारा स्थापित वेस्ट मैनेजमेंट के मॉडल को प्रस्तुत किया जो कि एक प्रभावी और आइडियल माना जाता है अस्पतालों को उसको अपनाने पर जोर दिया। डॉ अलेक्जेंडर ने बताया कि अगर प्लास्टिक को जितनी ज्यादा बार रीसायकल करेंगे उतना ही ज्यादा दुष्प्रभाव ज्यादा होंगे।
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