नवनिर्मित पीडियाट्रिक स्क्लिस लैब का उद्घाटन

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केजीएमयू बाल रोग विभाग का 67 वां स्थापना दिवस समारोह

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के बाल विभाग का 67 स्थापना दिवस समारोह मनाया गया। कार्यक्रम में नवनिर्मित पीडियाट्रिक स्क्लिस लैब का उद्घाटन किया गया। समारोह में कुलपति ने जल्द ही नियोनोटोलॉजी विभाग एवंबाल विभाग की अन्य इकाईयों में भी जल्द ही डीएम कोर्स शुरू करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर पीजीआई चण्डीगढ़ की पीडियाट्रिक पल्मोनोलिस्ट डॉ. मीनू सिंह ने बच्चों के फेफड़ों की बीमारी पर जानकारी देते हुए कहा कि छोटी दिक्कत के प्रति लापरवाह नहीं होना चाहिए। निमोनिया बीमारी बच्चों में बेहद सामान्य बीमारी है आैर इसका लापरवाही बरतने पर दिक्कत भी हो सकती है।
इस विभाग की स्थापना 1954 में हुई थी। यहां डीसीएच का पहला बैच 1961 में तथा एमडी का पहला बैच 1962 में आया था। वर्तमान समय में 26 जूनियर रेजीडेंट्स प्रति वर्ष बाल रोग विशेषज्ञ की शिक्षा हेतु दाखिला लेते है ंतथा अब तक विभाग से हजार से ज्यादा बाल रोग विशेषज्ञ तैयार किए जा चुके हैं।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं चिकित्साविश्वविद्यालय के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिनपुरी ने विभाग में नवनिर्मित पीडियाट्रिक स्क्लिस लैब का उद्घाटन किया। इस प्रयोगशाला में अभ्यास के लिए पुतले, अनुदेशात्मक वीडियो, एक्स-रे, सीटी स्कैन, एबीजी तथा ईसीजी का संकलन है। इस लैब से एमबीबीएस छात्रों को एक क्लीनिक का वास्तविक अहसास होगा, जिससे वह क्रियात्मक रूप से निपुण होंगे और इससे उनके शैक्षिक लक्ष्य की प्राप्ति होगी। यहां पर इंजेक्शन लगाना, आईवी फ्लूइडल डालना, नाक में नली डालना, सांस की नली डालना तथा सीपीआर करना सीखते हैं।
डॉ. बिपिन पुरी ने कहा कि बाल विभाग के संकाय सदस्यों एवं रेजीडेंट्स की प्रशंसा करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान विभाग के संकाय सदस्यों एव ंरेजीडेंट्स ने जिस कर्मठता एवं जिम्मेदारी से चिकित्सा विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में ड्यूटी की वह इस बीमारी से लड़ने में मील का पत्थर साबित हो रहा है। उन्होंने क्वीनमेरी अस्पताल में बाल विभाग की नवजात शिश ुइकाई (एनएनयू)को जल्द से जल्द एनआईसीयू में परिवर्तित करने हेतु इसके लिए हर संभव सहयोग देने का भरोसा दिया। इसके साथ ही उन्होंने नियोनोटोलॉजी विभाग एवंबाल विभाग की अन्य इकाईयोंमें भी अति शीघ्र डीएम कोर्स शुरू कर शैक्षिणक गुणवत्ता को और अधिक बढ़ाने पर भी जोर दिया।
डा. शैली ने बताया कि कुलाधिपति श्रीमती आनंदी बेनपटेल के दिशानिर्देश में छह टीबी से ग्रसित बच्चों के पोषण के सहयोग हेतु विभाग द्वारा गोद लिया गया है। इसकी जिम्मेदारी गैरसरकारी संगठन हेल्प यू एजुकेशन व चैरिटेबल ट्रस्ट ने ली है। इस वर्ष दशरथ सिंह (वार्ड ब्वाय), मंजू यादव (स्टाफ नर्स), रवि (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) को पुरस्कार से सम्मनित किया गया। इस अवसरपर पीजीआई, चण्डीगढ़ की पीडियाट्रिक पल्मोनोलिस्ट, डॉ. मीनू सिंह द्वारा एनएल शर्मा ओरेशन में व्याख्यान देते हुए बच्चोंके फेफड़ों से संबंधित बीमारियों के बारे विचार विमर्श किया।

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