लखनऊ । लगातार बदलती लाइफ स्टाइल के कारण महिला व पुरुष दोनों में बांझपन की दिक्कत आ रही है। इस कारण गर्भधारण करने में दिक्कत आती है। अगर समय पर इलाज कराया जाए तो बांझपन की समस्या दूर हो सकती है। यह जानकारी डॉ. आंचल गर्ग ने बृहस्पतिवार को पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रही थीं। डॉ. गर्ग ने कहा कि 10 से 14 प्रतिशत दम्पत्ति बांझपन की शिकार है। अगर पांच वर्षों में यह परेशानी 20 से 30 प्रतिशत तक की बढ़ी है। उन्होंने कहा कि गर्भधारण की उम्र देखा जाए तो 25 से 35 वर्ष होती है। इसके बाद गर्भ धारण करने में महिलाओं को परेशानी हो सकती है। अगर साथी भी धूम्रपान करता है तो इसकी वजह से बांझपन की समस्या पैदा हो सकती है।
इसके अलावा महिलाओं का अधिक वजन भी दिक्कतें पैदा कर सकता है, जो कि गर्भधारण करने में परेशानी कर सकता है। महिलाओं को यौन संक्रमण भी विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि यह दोनों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। कई बार महिलाएं इन परेशानियों को नजरअदांज करती है, जो कि आगे चल कर गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों द्वारा यदि बांझपन की परेशानी दूर नहीं हो रही है तो आईवीएफ तकनीक का प्रयोग की किया जा सकता है। आजकल यह तकनीक काफी सफल आैर सुरक्षित भी माना जा रही है।
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