विश्व सी०ओ०पी०डी० दिवस 2023 श्वांस ही जीवन है: जल्द प्रयास करें।
लखनऊ। विश्व COPD दिवस पर आयोजित पत्रकार वार्ता में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पल्मोनरी मेडिसिन एंड क्रिटिकल केयर विभाग प्रमुख डॉ वेद प्रकाश तथा सेवानिवृत्त पल्मोनरी विशेषज्ञ डॉ राजेंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के साथ ही प्रदूषण से बचाव की भी अपील की।
डॉ वेद ने इस बीमारी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारी देने के साथ समय से इलाज कराने की सलाह दी। पत्रकार वार्ता में cvts के वरिष्ठ सर्जन प्रोफेसर शैलेंद्र यादव डॉक्टर आर ए कुशवाहा आदि मौजूद थे
मुख्य तथ्य
• वैश्विक प्रसारः दुनिया भर में लगभग 38 करोड़ 40 लाख लोग सी०ओ०पी०डी० से प्रभावित है।
• वैश्विक बोझ सी०ओ०पी०डी० वैश्विक स्तर पर रुग्णता और मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण है और मृत्यु दर का चौथा प्रमुख करण है जो गैर-संचारी रोगों के बोझ में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
• अनुमानित रैंकिंग: एक अनुमान के हिसाब से 2030 तक सी०ओ०पी०डी० दुनिया भर में मौत का तीसरा प्रमुख कारण है।
• मृत्यु दर सी०ओ०पी०डी० सालाना बडी संख्या में मौतों के लिए जिम्मेदार है।
• आयु वितरण जबकि सी०ओ०पी०डी० सभी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है, यह वृद्धावस्था में अधिक देखा जाता है। उम्र के साथ इसका प्रसार बढ़ता जाता है।
• एक अनुमान है कि भारत में 5 करोड़ 50 लाख से अधिक लोग सी०ओ०पी०डी० से पीडित है।
● भारत में सी०ओ०पी०डी० के लिए धूम्रपान एक प्रमुख कारक है। बताया गया है कि देश में सी०ओ०पी०डी० के मामले लगभग 40 प्रतिश तमामले तंबाकू धूम्रपान के सेवन के कारण होते है।
जबकि दुनिया भर में एक तिहाई से अधिक मामले बिना धूम्रपान के भी होते है।
• घरों में खाना पकाने के लिए बायोमास ईंधन जैसे कोयला, चूल्हे का उपयोग विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सी०ओ०पी०डी० के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। इसके अतिरिक्त सी०ओ०पी०डी० के मामले का एक बड़ा हिस्सा अज्ञात रहता है जिससे वास्तविक प्रसार को कम करके आंका जाता है।
•
अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में सी०ओ०पी०डी० के लिए प्रत्यक्ष चिकित्सा लागत सालाना 32 अरब डालर से अधिक होने का अनुमान लगाया जाता है।
• सी०ओ०पी०डी० आमतैर पर अन्य पुरानी दीर्घकालिक बीमारियां जैसे हृदय रोग, मधुमेह और मानसिक स्वास्थ्य विकारों के साथ होने पर रोगी की स्वास्थ्य स्थिति और जटिल और गम्भीर हो जाती है।
सी०ओ०पी०डी० क्या है ?
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सी०ओ०पी०डी०) एक रोकथाम योग्य और इलाज योग्य बीमारी है जो सांस फूलने लगातार बलगम बनने और खांसी का कारण बनती है।
कई प्रक्रियाओं के कारण सी०ओ०पी०डी० के रोगी में वायुमार्ग संकीर्ण हो जाते हैं। फेफड़े के कुछ हिस्से नष्ट हो सकते है. बलगम वायुमार्ग को अवरुद्ध कर सकता है, और वायुमार्ग की परत में जलन और सूजन हो सकती है।
विश्व सी०ओ०पी०डी० दिवस जो कि इस वर्ष 15 नवम्बर 2023 को मनाया जा रहा है का आयोजन ग्लोबल इलिशिएटिव फॉर क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव लंग डिजीज (GOLD) द्वारा दुनिया भर में फेफड़े के विशेषज्ञ चिकित्सकों और सी०ओ०पी०डी० रोगी समूहों के सहयोग से किया जाता है। विश्व सी०ओ०पी०डी० दिवस के लिए 2023 की थीम ‘सांस लेना ही जीवन है-जल्द प्रयास करें होगी। इस वर्ष की थीम का उद्देश्य प्रारंम्भिक फेफड़ों के स्वास्थ्य, शीघ्र निदान और प्रारंभिक हस्तक्षेप के महत्व को उजागर करना है।
सी०ओ०पी०डी० का प्रभाव
सी०ओ०पी०डी० के सामान्य लक्षणों में शामिल है:
• पुरानी खांसी
• सांस लेने में तकलीफ
• घरघराहट
• सीने में जकडन
• थकान
• बार-बार श्वसन संक्रमण होना
• अनपेक्षित वनज घटना
• दैनिक गतिविधियां करने में कठिनाई