बच्चों के मसूड़े व जबड़े मजबूत बने, इसके लिए यह आदत डालें

0
391

 

Advertisement

 

 

 

 

 

 

लखनऊ। अगर देखा जाए तो पहले के समय बच्चें गन्ना को छील कर खाते थे, अब गन्ने के जूस तक ही सीमित रह गये है। यही नहीं चना व साबुत फल चबा- चबा कर खाते थे, जिससे उनके मसूड़े आैर जबड़े मजबूत होते थे। यह बात किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के डेंटल यूनिट के डेंटल इंम्लाट विशेषज्ञ डा. लक्ष्य ने दो दिवसीय डेंटल इंम्लांट सर्जरी कार्यशाला में कहीं। कार्यशाला में 14 डेंटल इंम्लांट करके अलग अलग विशेषज्ञों ने करके नयी तकनीक की जानकारी दी।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

डा. लक्ष्य ने कहा कि चना व साबुत फल सहित खाद्य पदार्थ चबा- चबा कर खाने से मसूड़ों व जबड़े की कसरत हो जाती थी। इससे दांत सही आकार व मजबूत निकलते थे। जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहतर होते थे। वर्तमान में ऐसा नहीं है। अब अक्सर देखा गया है कि बच्चों के दांत सही आकार व मजबूत नहीं निकलते है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

इसके लिए नयी तकनीक से इलाज किया जाता है। उन्होंने कहा कि वर्चुअल सर्जरी के द्वारा इंम्लांट कि या जा सकता है। कार्यशाला में डा. रोमेश सोनी ने बताया कि अभी भी लोगों में दांत प्रत्यारोपण कई भ्रांतिया है। जिसको डाक्टर से मिलकर दूर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नयी तकनीक से दांत प्रत्यारोपण करने से व्यक्ति की जीवन शैली ही बदल जाती है।

 

 

 

 

 

 

 

डेंटल इंम्लांट से एक्सीडेंट में जबड़ा चोटिल व दांतों के टूटने से काफी सुधार आ जाता है। कार्यशाला में डा. फरहान दुर्रानी ने भी नयी तकनीक से डेंटल इंम्लांट करके जानकारी दी। कार्यशाला में डा. पवित्र रस्तोगी सहित अन्य वरिष्ठ डाक्टर मौजूद थे।

 

 

 

Previous articleसुरक्षा के लिए हेलमेट पहनाकर मतदान के लिए किया जागरूक
Next articleचिकित्सक और मरीज़ के हर सवाल का जवाब हैं नर्सेज़ : डा.डी. हिमांशु

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here