न्यूज। चढ़ते चुनावी पारे के बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मेडिकोज का बिहार के मेडिकल कॉलेजों के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में राज्य कोटे से दाखिला किये जाने के विरोध में जूनियर डॉक्टरों के आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये। इससे प्रदेश के मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई।
पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. शंकर भारती ने यहां बताया कि बिहार के नौ मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के 1000 से अधिक जूनियर डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं। उन्होंने बताया कि जूनियर डॉक्टर एम्स, पटना के विद्यार्थियों का राज्य के मेडिकल कॉलेजों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में केंद्रीय कोटे की बजाय राज्य कोटे से दाखिला कराये जाने का विरोध कर रहे हैं।
डॉ. भारती ने कहा कि स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में एम्स के विद्यार्थियों का अखिल भारतीय कोटे से दाखिल लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार जब तक यह नामांकन बंद नहीं करेगी तब तक जूनियर डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल समाप्त नहीं होगी।
उधर पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने दावा किया कि इस हड़ताल के कारण पीएमसीएच में स्वास्थ्य सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है। बाहर से आने वाली मरीजों को हमेशा की तरह पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति से निपटने के लिए वरिष्ठ चिकित्सकों की ड्यूटी की अवधि बढ़ा दी गई है।
डॉ. प्रसाद ने कहा कि भोजपुर, बक्सर एवं राज्य के अन्य जिले के चिकित्सकों को पीएमसीएच में प्रतिनियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति से निपटने के लिए दूसरे जिलों से कम से कम 22 चिकित्सकों को पीएमसीएच में प्रतिनियुक्त किया गया है।
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