लखनऊ । गुरुवार को कैसरबाग स्थित इंदिरा गांधी नेत्र चिकित्सालय के ऑपरेशन थिएटर में सुबह आग लग गई। हालांकि, चिकित्सालय में आग से बचाव के हाईटेक इंतजाम होने के कारण स्मोक सेंसर के सक्रिय हुए। कुछ ही मिनटों में फायर अलार्म तेजी से बजने लगे। इसके चलते अस्पताल के कर्मचारियों ने आग बचाव उपकरणों से ओटी में लगी आग पर काबू पा लिया, लेकिन इस दौरान फायर ब्रिागेड को भी सूचना दी गयी। आग की घटना से किसी भी मरीज या कर्मचारी हताहत नहीं हुआ। अस्पताल के द्वितीय तल पर माइनर ओटी में आग लगने के कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। इस घटना के कारण 16 आपरेशन टाल दिये गए।
इंदिरा गांधी नेत्र चिकित्सालय के दूसरे तल पर बनी माइनर ओटी में लगी। इस दौरान ओपीडी व आपरेशन कराने के लिए मरीजों की भीड़ जुटी हुई थी। इसी बीच लगभग सुबह नौ बजे अस्पताल में चारों ओर लगे स्मोक सेंसर के अलार्म बजने लगे। जिसके बाद पूरे परिसर में हड़कम्प मच गया। अस्पताल के अधिकारी व कर्मचारियों को आग लगी कहां पर लगी, इसे पता करने ज्यादा देर नहीं लगी। अत्याधुनिक फायर फाइटर सिस्टम से जानकारी मिलते ही अस्पताल के दूसरे तल पर बनी मेन ओटी के बाहर बनी माइनर ओटी की टेबल के नीचे लगी मोटर में आग लग गई है। अस्पताल के कर्मचारियों हरकत में आए आैर अस्पताल में चारों ओर लगे फायर इस्टिंगवेशर से आग बुझाने का काम शुरू कर दिया।
इस बीच अस्पताल के पास फायर बिग्रेड की गाड़ी भी पहुंची लेकिन कुछ देर तक जाम में फंसी रही। इस बीच आग पर काबू पा लिया गया। आग लगने की सूचना के कारण सुबह ओपीडी में दिखाने आए मरीजों अस्पताल परिसर के बाहर ही रोक दिया गया। अस्पताल की नर्सों व अन्य स्टाफ ने अस्पताल के बाहर ही कई गंभीर मरीजों को देखा। आग की घटना के वजह से चिकित्सा व्यवस्था काफी देर तक बंद रही, इससे दूर-दराज से आए से इलाज के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई मरीजों को बिना उपचार ही वापस लौटा दिया गया।
घटना के संबंध में अस्पताल के चीफ मेडिकल आफीसर डा. कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि माइनर ओटी की टेबल के नीचे लगे मोटर में शार्ट सर्किट की वजह से आग लगी। अत्याधुनिक फायर फाइटिंग सिस्टम के कारण आग बढ़ने नहीं पायी। घटना के कुछ देर बाद चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से सामान्य हो गयी है।