घटिया,अपर्याप्त सुरक्षा उपकरण एवं काम के दबाव से हो रहे संक्रमित   

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News-  कर्मचारी टीबी कर्मचारियों में संक्रमण की दर सबसे अधिक कोरोना योद्धा का तमगा देकर प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग अपने ही कर्मचारियों की जान का दुश्मन बन चुका है।घटिया,अपर्याप्त एवं काम के दबाव की वजह से बडी संख्या में आर आर टी में सैम्पलिंग का कार्य कर रहे कर्मचारी संक्रमित हो रहे हैं। इनमें भी टीबी कर्मचारियों में संक्रमण की दर सर्वाधिक है। बात अगर राजधानी की करें तो यहां पर होम आइसोलेसन के नोडल अधिकारी डॉ॰ ए के चौधरी जो कि वर्तमान में जिला क्षय रोग अधिकारी भी हैं, कोरोना से संक्रमित हैं। उनके अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक दिलशाद हुसैन,जिला पी पी एम कोआर्डिनेटर फहीम अहमद, टीबी नियंत्रण कर्मचारी कल्याण समिति के महामंत्री श्री मुकेश सिंह सहित अनेकों एल टी,एस टी एल एस संक्रमण की चपेट में आ गये हैं।आर आर टी में सैम्पलिंग का कार्य कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि सैम्पलिंग के लिए आवश्यक पी पी ई किट आवश्यकता से कम दी जाती है।इसी प्रकार मास्क,एवं दस्तानों की गुणवत्ता भी बेहद खराब है काम का दबाव इतना ज्यादा होता है कि पर्याप्त उपकरण न होने के बाद भी सैम्पलिंग का कार्य करना पडता है।

 

इसके अतिरिक्त एक दिन का भी अवकाश नहीं दिया जाता। संक्रमित मरीजों के सम्पर्क में करने की वजह से यह कर्मचारी दिन भर कुछ खा भी नहीं सकते जिससे इनकी रोग प्रतिकारक क्षमता गिरती है जोकि संक्रमित होने की बडी वजह है।इतना ही नहीं काम खत्म होने के बाद भी आर आर टी प्रभारी कर्मचारियों कभी कभी नौ बजे रात तक रोके रहते हैं। गौरतलब है कि तत्काल आवश्यकता को देखते हुए स्टाफ की कमी के कारण टीबी कर्मचारियों एवं पर्यवेक्षकों को इस कार्य में लगाया गया था परंतु अब सरकार द्वारा सभी नगरीय स्वास्थ्य केन्दो पर पर्याप्त स्टाफ भेज दिया गया है,उसके बाद भी आर आर टी प्रभारी/अधीक्षकों द्वारा इन टीबी कर्मचारियों को कार्यमुक्त न किये जाने के कारण जहाँ एक ओर बड़ी संख्या कर्मचारी संक्रमित हो रहे हैं वहीं दुसरी तरफ टीबी रोगियों की जांच एवं इलाज लगभग पूरी तरह ठप है। इस संबंध में कई चिकित्सा अधीक्षकों द्वारा भी टीबी रोगियों की चांज एवं उपचार हेतु इन कर्मचारियों को कार्यमुक्त किये जाने का अनुरोध किया जा चुका है।

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