लखनऊ। लोगों के दांतों में कीड़े लगने की शिकायतें ज्यादा हो रही है। इसका बड़ा कारण खाने बाद लोग ब्राश नहीं करते हैं। जिसके कारण खाद्य पदार्थ दांतों में चिपके रहने से सड़न पैदा होती है। वहीं दांतों में कीड़े लगने व खोखला होने के अलग- अलग कारण हैं। फिलहाल सोना भर कर लंबे समय तक बीमारी को दूर किया जा सकता है। यह जानकारी केजीएमयू दंत संकाय में कंजर्वेटिव डेंटेस्ट्री एंड इंडोडॉन्टिक्स विभाग के प्रमुख डॉ. एपी टिक्कू ने दी।
डा. टिक्कू शुक्रवार को कंजर्वेटिव डेंटिस्ट्री एंड एंडोडॉटिक्स विभाग में पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ने कहा कि अभी लोग दांत के रंग की फिलिंग कराने में अधिक कराना चाहते है। यह प्लास्टिक के तत्व से मिक्स करके भरा जाता है। इसके बाद यह दांतों की तरह नजर आता है, लेकिन यह फिलिंग ज्यादा समय तक नहीं चल पाती है। परन्तु गोल्ड (सोना) फिलिंग लंबे समय तक चलती है। खास बात यह है कि इस शुद्ध सोने की फिलिंग ढाई से तीन हजार रुपये खर्च कर मरीज करा सकता है।
कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने कहा कि दांतों की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। सफाई रखकर दांतों की सेहत को बरकरार रखा जा सकता है।
डॉ. एपी टिक्कू ने बताया कि 28 फरवरी से चार मार्च तक किया कार्यक्रम हुआ। इसमें भारत के आठ कॉलेजों के 23 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। छात्रों के लिए रोटरी एंडोडोंटिक्स, डायरेक्ट फिलिंग गोल्ड, लेजर और एंडोडोंटिक माइक्रोसर्जरी और अनुसंधान पद्धति पर शोध पत्र पेश किए। कार्यक्रम के अंतिम दिन छात्रों से फीडबैक भी लिया गया। इससे पहले अखिल भारतीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता हुई। इसमें 30 टीमों ने भाग लिया। जिनमें से 14 टीमें ऑनसाइट और 16 टीमें ऑनलाइन शामिल रही। कार्यक्रम के दौरान डेंटल काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष ब्रिगेडियर डॉ. अनिल कोहली और डॉ. विवेक हेगड़े, डॉ. विनीत शर्मा, डॉ. आरके सिंह डीन डेंटल साइंसेज और डॉ. पवित्रा रस्तोगी आदि मौजूद रहे।