News. भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ( एफएसएसएआई) ने सभी खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफबीओ) को अपने उत्पादों पर से फलों के रस के लेबल और विज्ञापनों से ‘100 प्रतिशत फलों का रस” के किसी भी दावे को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंाालय ने सोमवार को यहां बताया कि एफएसएसएआई ने सभी एफबीओ को इस वर्ष एक सितंबर से पहले सभी मौजूदा ‘प्री-पिं्रटेड पैकेजिंग” सामग्री को समाप्त करने का भी निर्देश दिया गया है ।
एफएसएसएआई ने जांच में पाया है कि कई एफबीओ गलत तरीके से विभिन्न प्रकार के फलों के रसों का विपणन कर रहे हैं और वे 100 प्रतिशत फलों के रस का दावा करते हैं।
एफएसएसएआई ने कहा है कि ‘खाद्य सुरक्षा एवं मानक (विज्ञापन और दावे) विनियम, 2018 के अनुसार,’ 100 प्रतिशत”दावा करने का कोई प्रावधान नहीं है।
एफएसएसएआई ने कहा है कि ऐसे दावे भ्रामक हैं और खासकर उन फलों के रस का मुख्य घटक पानी है।
एफएसएसएआई ने कहा है कि यदि खाद्य उत्पाद में ‘मीठा” 15 ग्राम प्रति किलोग्राम से अधिक है, तो उत्पाद को’मीठा रस”के रूप में लेबल किया जाना चाहिए।