न्यूज डेस्क। वैज्ञानिक अपने शोध में ‘ इंसुलिन की गोलियां ” विकसित कर रहे हैं, इस शोध के सफल होने के बाद डायबटीज के मरीजों को इंसुलिन इंजेक्शन लगाने से होने वाले दर्द से निजात मिल सकता है। अगर डायबटीज मरीजों से पूछा जाए तो गोली आैर इंजेक्शन के बीच चुनाव किसका चुनाव करेंगे। तो वह मौका मिलने पर मधुमेह के अधिकतर रोगी गोली लेने के विकल्प ही चुनेंगे।
‘टाइप 1 मधुमेह’ से पीड़ित लाखों लोगों के शरीर में सूई के माध्यम से ही इंसुलिन पहुंचाया जाता है, जो उनका शरीर स्वयं नहीं बना सकता। ‘हार्वर्ड जॉन ए पॉलसन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड एप्लाइड साइंसेज ” के प्राध्यापक समीर मित्रगोत्री ने कहा कि काफी संख्या में डायबटीज के मरीज दर्द से बचने या इंजेक्शन के डर से इसे नहीं ले पाते।
मित्रगोत्री ने कहा कि इसका परिणाम यह होता है कि ग्लाइसेमिक नियंत्रण बिगड़ जाता है आैर स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर परेशानियां हो सकती हैं।
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