लखनऊ। जिलाधिकारी के निर्देश पर राजधानी के सभी कोविड-19 मरीजों की होम कलेक्शन जांच बंद कर दी गई है। इसके साथ ही कोविड-19 के मरीजों की जांच भी नहीं कर सकते हैं। निर्देश में कहा गया है कि कोविड-19 की जांच करने वाली पैथोलॉजी सिर्फ सर्जरी के लिए जा रहे मरीज की जांच कर सकते हैं, ताकि पता चल सके वह पॉजिटिव है या नेगेटिव। पिछले 15 दिनों से लगभग कोविड-19 की जांच कर रही 15 पैथोलॉजी ने मरीजों का होम कलेक्शन बंद कर दिया था। बताया जाता है कि कई जांच रिपोर्ट गड़बड़ निकलने के बाद यह निर्देश दिया गया था। आज सभी कोविड-19 की जांच करने वाले पैथोलॉजी के प्रबंधकों को जिला प्रशासन ने वार्ता के लिए बुलाया था। वार्ता में कहा गया कि वह लोग होम कलेक्शन तो कर ही नहीं सकते और पैथोलॉजी में भी कोविड-19 के मरीजों की जांच नहीं कर सकते हैं। उन्हें सिर्फ सर्जरी कराने से पहले मरीजों में कोविड-19 के संक्रमण का पता लगाने के लिए जांच करनी होगी। इस निर्देश के बाद पैथोलॉजी मालिकों में आक्रोश व्याप्त है, उनका कहना है कि उन लोगों ने पहले दिए गए निर्देश के अनुसार कोविड-19 की जांच के लिए इतना बड़ा सेटअप लगाया था। हजारों लाखों रुपए खर्च करने के बाद अब उन्हें जांच के लिए मना कर दिया गया है।
– जिलाधिकारी द्वारा पैथोलॉजी लैबोरेट्री और डायग्नोस्टिक सेंटर्स की महत्वपूर्ण बैठक
स्मार्ट सिटी सभागार में सभी पैथोलॉजी, लैबोरेट्री और डायग्नोस्टिक सेंटर की महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गई और उनके द्वारा किए जा रहे कोविड-19 टेस्ट की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी श्री अभिषेक प्रकाश की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री मनीष बंसल एवं प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी श्री एमके सिंह सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे ।
बैठक में निम्नवत दिशा निर्देश दिए गए :-
1) जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने निर्देश देते हुए कहा कि जिन पैथालॉजी को कोविड टेस्ट की अनुमति नहीं प्रदत्त है अगर वो कोविड टेस्ट कर रहे हैं तो तत्काल प्रभाव से टेस्ट करना बंद कर दें अन्यथा उनके विरुद्ध ऐपेडेमिक एक्ट के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज करवाई जाएगी।
2) उन्होंने कहा कि किसी भी कोविड-19 पेशेंट का अगर दूसरी बार टेस्ट किया जाता है तो उसके लिए उसकी नई केस आईडी नहीं बनाई जाएगी बल्कि पुरानी केस आईडी से ही उसका दूसरा टेस्ट किया जाएगा ताकि समुचित माॅनीटरिंग करते हुए आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सके।
3) जिलाधिकारी ने बताया कि मरीज का कोई टेस्ट करने से पहले फार्म में उसका पुष्टिकृत पता, नाम, उम्र एवं मोबाइल नंबर आदि विवरण भरवाया जाना जरूरी है ताकि फोलोअप में समस्या न हो।
4) बैठक में आए सभी लोगों को निर्देश दिया गया कि सिंप्टोमेटिक और ए सिंप्टोमेटिक केसेज ,किस पोसिटिव व्यक्ति के सम्पर्क में आकर पाॅजि़टिव हुआ है और रैंडम सेलेक्शन की सूची आज शाम 6 बजे तक DSO पोर्टल पर भी शत प्रतिशत अपडेट किया जाए।
प्राइवेट पैथोलॉजी में कोविड-19 मरीजों की जांच बंद
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