इस बीमारी को हल्के में ना लें

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भारत में 20 से 25 प्रतिशत आबादी किसी न किसी प्रकार की एलर्जी से ग्रसित है। वह एलजी खाने से हो सकती है,वातारण में फैले प्रदूषण से हो सकती है। मौजूदा समय में सबसे ज्यादा एलर्जी घरों में लगे पर्दे ,सोफा,कालीन तथा टेडीवियर से हो रही है। जिससे अस्थमा के रोगियों को सबसे ज्यादा समस्या होती है। यह कहना है डा.सूर्यकांत का । वह सोमवार को पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि एलर्जी को हल्के में नहीं लेना चाहिए। इससे लोगों की जान भी जा सकती है। उन्होंने बताया कि एजर्ली की समस्या हमारे देश में काफी बढ़ रही है। इसी के मद्देनजर इण्डियन कालेज ऑफ एलर्जी,अस्थमा एण्ड एपलाइड इम्यूनोलॉजी का आयोजन किया जा रहा है। जिससे एलर्जी के इलाज व जांच पर विशेषज्ञ अपनी राय साझा कर सकें। यह आयोजन

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केजीएमयू तथा एरा विश्वविद्यालय के सयुक्त तत्वाधान में 15 मार्च से शुरू हो रहा है। जो कि 18 मार्च तक चलेगा। चार दिवसीय यह कार्यक्रम के पहले दिन एरा में कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा। जबकि तीन दिन का कार्यक्रम केजीएमयू के सांइटिफिक कंवेशन सेंंटर में होगा। संगोष्ठी के आयोजन सचिव डा.सूर्यकान्त ने बताया कि एलर्जी में दमा, नजला व आर्टिकेरिया आदि बीमारिंया प्रमुख है। इसके साथ ही हमारे देष मे तीन करोड़ लोग अस्थमा से भी पीडि़त है। चिकित्सा जगत में हो रहे शोध एवं अनुसंधान का लाभ समाज के अभाव ग्रस्त और पीडि़त लोगो को मिलना चाहिये। डा.सूर्यकान्त ने बताया कि इस राष्ट्रीय संगोष्ठी मे अन्र्तराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय विषेषज्ञो द्वारा वैज्ञानिक विचार विमर्श के बाद देश के चिकित्सको को मार्गदर्शन मिलेगा एवं रोगियो तथा समाज को इसका लाभ प्राप्त होगा।

संगोष्ठी के आयोजन अध्यक्ष डा. राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि संगोष्ठी मे 50 से अधिक वक्ता एवं 500 प्रतिनिधि सम्मलित होगे जिससे एलर्जी के क्षेत्र मे नई शोध के अवसर मिलेंगे। डा. राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि इस संगोष्ठी मे अन्र्तराष्ट्रीय स्तर के एलर्जी के विषेषज्ञ सम्मलित होगे। अन्र्तराष्ट्रीय विषेषज्ञों मे अमेरिका से डा.सुजाता रमेश, डा. दीपा रस्तोगी, डा शान्तनु रस्तोगी एवं डा. पी.के.वेदान्तन, यू.के.से डा. जेम्स हिन्डली, नीदरलैण्डस से डा. रोनाल्ड वान री एवं श्रीलंका से डा.अनुरा वीरासिंग्हें शामिल है। राष्ट्रीय स्तर के एलर्जी के विषेषज्ञ डा. ए.के.जनमेजा, डा. ए.बी.संह, डा.एस.एन.गौर, डा.वी.के विजयन, डा. राजकुमार, डा. एस.के.कटीयार, डा. के.नागाराजू आदि शामिल होगें। डा. राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि संगोष्ठी का उद्घाटन चिकित्सा शिक्षा मंत्री आषुतोष टण्डन द्वारा किया जायेगा।

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