लखनऊ। शासन ने मशहूर शहनाई वादक व पद्मश्री से अलंकृत कृष्ण राम चौधरी को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में वेटिंलेटर के लिए गृहमंत्रालय से मदद लेने की घटना को गंभीरता से लिया है। इसके बाद केजीएमयू प्रशासन ने जांच कराना शुरू कर दिया है कि अगर उस वक्त कोई भी वेंटिलेटर खाली था, तो उन्हें दिया क्यों नहीं गया। बताते चले कि प्रयागराज में रहने वाले मशहूर शहनाई वादक कृष्ण राम चौधरी बीते मंगलवार को पेट फूलने व दर्द होने की शिकायत लेकर गंभीर हालत में लखनऊ आये थे। उन्हें संजय गांधी पीजीआइ रेफर किया गया था, लेकिन वहां पर भर्ती करने से मना कर दिया गया। इसके बाद परिजन केजीएमयू के ट्रामा सेंटर उन्हें लेकर पहुंचे।
यहां डॉक्टरों ने उनकी आंतों में सिकुड़न होने के कारण आपेरशन किया था। यहां पर आपरेशन भी हो गया। इसके बाद उन्हंे वेंटिलेटर की आवश्यकता होने पर कहीं भी बिस्तर खाली नहीं मिला। काफी देर तक वेंटिग में रहने के दौरान एम्बुबैंग से आक्सीजन देते रहे। इसके बाद भी वेंटिलेटर कई घंटों तक मिला तो उनके परिजनों ने गृह मंत्रालय से वेंटिलेटर पर भर्ती कराने के लिए मदद की। इसके बाद गृहमंत्रालय के हस्तक्षेप पर देर शाम को वेंटिलेटर मिलने की प्रक्रिया भी शुरु हो गयी। देर शाम को उन्हें आरआईसीयू में भर्ती भी कर दिया गया। फिर भी इस घटना के बाद केजीएमयू प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कम्प मच गया। तत्काल जांच के निर्देश दे दिये गये है।
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