पीएमएस के डॉक्टरों को हटाने से बढ़ेगी मरीजों की मुसीबत
लखनऊ। लोहिया संस्थान केहास्पिटल ब्लाक में मरीजों को सस्ते दर पर मिलने वाली चिकित्सा सुविधा बंद होने केकगार पर है। एक तरह अब कारपोरेशन से दवाओं की आपूर्ति बंद कर दी गई है तो दूसरी तरफ यहां संबद्ध प्रांतीय चिकित्सा सेवा के डॉक्टरों को स्थानांतरित करने की तैयारी है। जबकि संस्थान में कई विभागों में चिकित्सक ही नहीं है। ऐसी स्थिति में मरीजों को कई तरह की मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। हास्पिटल ब्लाक में एक रुपये के पर्चे पर जांच और दवाएं भी मुफ्त में दी जाती हैं। इसी तरह हास्पिटल ब्लाक में सौ रुपये केपर्चे पर इलाज होता है। नए बजट में अतरिक्त प्रावधान नहीं किया गया है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि देर सबेर यहां एक रुपये के पर्चे पर इलाज बंद हो जाएगा। इतना ही नहीं हॉस्पिटल ब्लाक में कार्यरत चिकित्सकों की संख्या भी कम करने की तैयारी चल रही है। अभी तक यहां संबद्धता के आधार पर प्रांतीय चिकित्सा सेवा के 34 डॉक्टर कार्यरत हैं। ये प्रतिनियुक्ति के आधार पर यहां कार्यरत हैं। लेकिन कुछ दिन पहले जारी आदेश में इन्हें संबद्ध की श्रेणी में माना गया है। ऐसे में 31 मार्च को इनकी संबद्धता खत्म हो रही है॥ इनकेजाने से मरीजों की समस्या बढ़ जाएगी। क्योंकि अभी तक संस्थान से अन्य विभागों में चिकित्सक ही नहीं है। ईएनटी, रेस्पेरेटरी सहित कई विभाग एक डॉक्टर के सहारे चल रहे हैं।
लोहिया संस्थान मीडिया प्रभारी श्रीकेश सिंह का कहना है कि संस्थान अपने अन्य मदों से ही मरीजों को दवाएं उपलब्ध करा रहा है। जो दवाएं मुफ्त में नहीं मिल पा रही हैं, उनके लिए एचआरएफ और जन औषधि केंद्र के जरिए सस्ते दर पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। जब तक शासन की ओर से आदेश जारी नहीं होगा तब तक एक रुपये के पर्चे के पर इलाज मिलता रहेगा।