लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में डाक्टरों का विंटर विकेशन शुरु हो गया है। पचास प्रतिशत डाक्टरों के अवकाश पर जाने से सर्जरी से लेकर ओपीडी तक प्रभावित हो गयी है। पहले से इंतजार में लगे मरीजों को लम्बी वेंटिग करनी होगी। केजीएमयू की चिकित्सा व्यवस्था अब नये वर्ष में ही सुधरेगी।
केजीएमयू में लगभग 456 डाक्टर तैनात है। 25 दिसम्बर से आधे डाक्टर शीतकालीन अवकाश पर चले गये है। प्रत्येक विभाग से डाक्टर अवकाश पर है। ऐसे में काम प्रभावित होना लाजिमी है। खास कर मरीजों की सर्जरी की वेंटिग लम्बी हो गयी है। हफ्तें में पांच दिन की जाने वाली सर्जरी अब तीन दिन के लिए कर दी गयी है। इनमें क्वीन मेरी, न्यूरो सर्जरी, जनरल सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, आर्थोपैडिक, न्यूरो सर्जरी में सर्जरी कम कर दी गयी है। बेहोशी के डाक्टर भी अवकाश पर चले गये है। ऐसे में सर्जरी अब सोमवार, बुधवार आैर शुक्रवार को होगी। मंगलवार व शनिवार को ओटी बंद होगी। डाक्टरों का कहना है कि विश्वविद्यालय में लगभग 50 प्रतिशत बड़ी की जाती थी।
इससे 30 प्रतिशत सर्जरी कम की जाएगी। संस्थान में लगभग 400 के करीब रेजीडेंट डाक्टर है। इन दिनों रेजीडेंट डाक्टरों क भरोस रहता है। बताया जाता है कि इस दौरान लगभग 12 से 16 घंटे ड¬ूटी रेजीडेंट डाक्टरों को करनी होती है। बताया जाता है कि दूरदराज से आये मरीज वंेंटिग होने के कारण डिस्चार्ज करा कर चले जा रहे है।