हेल्थ और एजुकेशन से जुड़े भ्रामक विज्ञापनों में तेजी

0
1578

 

Advertisement

 

विज्ञापन में झूठे दावों पर बड़ी पड़ताल…

* ASCI ने  317 विज्ञापनों की जांच की.*

 

NEWS -टीवी पर आने वाले विज्ञापनों की प्रमाणिकता की जांच करने वाली संस्था ‘ऐडवर्टाइजिंग स्‍टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया’ (ASCI) ने अगस्त और सितंबर 2020 में 317 विज्ञापनों की जांच की।
ASCI द्वारा इस बारे में सूचित किए जाने के बाद  64 एडवर्टाइजर्स ने अपने विज्ञापनों को तुरंत हटा लिया।

इसके बाद ASCI की इंडिपेंडेंट कम्प्लेन्स काउंसिल (CCC) ने बाकी 253 विज्ञापनों का मूल्यांकन किया और 221 विज्ञापनों के खिलाफ शिकायतों को मान्य ठहराया गया। इन 221 विज्ञापनों में से 101 शिक्षा क्षेत्र से जुड़े हैं, जबकि 77 हेल्थ केयर, 8 खाद्य और पेय पदार्थ, 7 पर्सनल केयर, 3 वित्त और निवेश और 25 दूसरी कैटिगरीज से जुड़े हुए हैं।

*भ्रामक विज्ञापनों में सबसे ज्यादा शिक्षा क्षेत्र से. *

ASCI के अनुसार, अगस्त और सितंबर दोनों महीनों में शिक्षा क्षेत्र से जुड़े संस्थानों के विज्ञापनों में भ्रामक और गलत दावों में तेजी देखी गई है। ये दावे इस तरह के थे- अपने क्षेत्र में शीर्ष स्थान/रैंकिंग नंबर 1, 100 फीसदी जॉब प्लेसमेंट और 100 फीसदी पासिंग रेट। ऐसे कई दावों को ASCI कोड का उल्लंघन करते पाया गया।

ASCI की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि  एक ऑनलाइन लर्निंग ऐप ने खुद को ऑनलाइन क्लासेज की बेस्ट और लीडर ऐप बताया था। जबकि कई  शैक्षणिक संस्थानों के पास उनके दावों को सही ठहराने के लिए पर्याप्त डेटा या सर्वे नहीं थे। ऐसे में कई विज्ञापनकर्ता उपभोक्ताओं के डर और असुरक्षा का फायदा उठाने की कोशिश में दिखे, विशेष रुप से कोविड-19 की स्थिति में। कई विज्ञापन हेल्थ सेक्टर से संबंधित थे, जिनमें से ब्रैंडस ने कोविड-19 के इलाज या रोकथाम को लेकर गलत दावे किए थे।

Previous articleपटाखों पर प्रतिबंध,कम हुई दुर्घटनाएं
Next articleभगवान बद्रीविशाल की पूजा कर लोकमंगल की योगी ने की कामना

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here