बच्चों में सेफ एनेस्थीसिया की जानकारी ज़रुरी

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लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में एनेस्थिसियोलॉजी और क्रिटिकल केयर विभाग द्वारा दो-दिवसीय डब्ल्यूएफएसए (वल्र्ड फेडरेशन सोसाइटी ऑफ एनेस्थिसियोलॉजी) सेफ एनेस्थीसिया प्रोग्राम का सफल उद्घाटन शताब्दी फेज-2 ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। यह बाल चिकित्सा एनेस्थिसियोलॉजी प्रशिक्षण और शिक्षा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है।

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कार्यक्रम का उद्घाटन एनेस्थिसियोलॉजी क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इनमें गांधी मेडिकल कॉलेज, सिकंदराबाद के डॉ. अवुला मुरलीधर, हैदराबाद से डब्ल्यूएफएसए पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. गीता नाथ मौजूद थे।
केजीएमयू में एनेस्थीसिया की पूर्व विभागाध्यक्ष और यूपी आईएपीए (इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक एनेस्थीसिया) की वर्तमान अध्यक्ष डॉ. अनीता मलिक ने कहा कि सेफ एनेस्थीसिया प्रोग्राम एक व्यापक पहल है जिसे बाल चिकित्सा एनेस्थीसिया के विशेष क्षेत्र में एनेस्थेसियोलॉजिस्ट के कौशल और ज्ञान को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

यह कार्यक्रम बाल चिकित्सा एनेस्थिसियोलॉजी में चुनौतियों और आवश्यकताओं को पूरा करता है। यह पहचानते हुए कि बच्चे केवल छोटे वयस्क नहीं हैं। संवेदनाहारी दवाओं और उपकरणों के लिए उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए विशेष प्रशिक्षण और समझ की आवश्यकता होती है।
केजीएमयू में एनेस्थिसियोलॉजी और क्रिटिकल केयर विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर और आईएपीए के सचिव डॉ. प्रेम राज सिंह ने कहा कि बाल चिकित्सा एनेस्थेटिस्ट युवा रोगियों के सुरक्षित और प्रभावी प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह कार्यक्रम यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है।

डॉ. अवुला मुरलीधर ने कहा कि न केवल भारत में बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में जहां बाल चिकित्सा एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की कमी है। उन्होंने बाल चिकित्सा एनेस्थीसिया प्रशिक्षण को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेफ एनेस्थीसिया प्रोग्राम का उद्धेश्य, व्याख्यानों, व्यावहारिक कार्यशालाओं और क्लिनिकल रोटेशन के संयोजन के माध्यम से, एक मजबूत सीखने का माहौल बनाना है।

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