लखनऊ। बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लोंिहया संस्थान के साथ पीजीआई प्रशासन ओपीडी में मरीजों व तीमारदारों को मास्क लगाना अनिवार्य करने की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा ओपीडी में डाक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ व स्वास्थ्य कर्मियों को मास्क अघोषित रूप से अनिवार्य कर दिया गया है। वही ओपीडी में कोरोना के लक्षण मिलते ही आरटीपीसीआर जांच को अनिवार्य कर दिया गया है। इमरजेंसी में लक्षण मिलने पर भी आरटीपीसीआर की जांच की जा रही है।
केजीएमयू, लोहिया संस्थान के साथ पीजीआई की ओपीडी में स्थानीय मरीज के अलावा गैर जनपदों से लेकर अलग- अलग राज्यों से मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते है। कोरोना संक्रमण लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है। डाक्टरों का मानना है कि भले ही कोरोना संक्रमण मारक नहीं हो रहा है, लेकिन लोगों में संक्रमण बढ़ता जा रहा है। देखा जाए तो कोरोना वायरस सबसे ज्यादा उन लोगों की हालत गंभीर रहा है, जिनकों पहले कोई जटिल बीमारी हो।
इसके अलावा बुजुर्गो को भी सावधान रहने के लिए कहा गया है। ऐसे में चिकित्सा संस्थानों की ओपीडी में तीन से चार हजार मरीज पहुंच ही जाते है। यहां पर पंजीकरण कराने से लेकर दिखाने के लिए लाइन लगना पड़ता है। अगर जांच के लिए कह दिया गया तो वह पैथालॉजी व डायग्नोस्टिक की लाइन में भी लगना पड़ता है। ऐसे में सावधानी आवश्यक है। इसलिए सभी को मास्क लगाने के साथ ही सेनिटाइजर भी रखने के लिए अनिवार्य करने की तैयारी की जा रही है। चिकित्सा संस्थानों की इमरजेंसी में भर्ती करने से पहले लक्षण मिलने पर आरटीपीसीआर जांच कराने के लिए भेजा जा रहा है। वही सर्जरी से पहले मरीज की जांच में आरटीपीसीआर को अनिवार्य कर दिया गया है।