पीजीआई में पेशेंट सेफ्टी डे पर वेबिनार
लखनऊ। अगर आंकड़ों को देखा जाए तो डॉक्टरों से भी इलाज में कभी ना कभी चूक हो जाती है। लगभग 10% मरीज सही इलाज ना होने का शिकार हो रहे हैं। अगर कोशिश की जाए तो इनमें 80 प्रतिशत गलतियों को सर्तकता से टाला जा सकता है। यह जानकारी पीजीआई में अस्पताल प्रशासन विभग के अध्यक्ष डॉ. राजेश हर्ष वर्धन ने
पेशेंट सेफ्टी डे पर पीजीआई में वेबिनार में दी। इस बेविनार में लगभग 1200 से अधिक डॉक्टर विशेषज्ञ जुड़े।
अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख डॉ. राजेश हर्ष वर्धन ने कहा कि इलाज में गलती होने से दो प्रतिशत मरीजों की जान भी खतरे में पड़ सकती है।
सबसे ज्यादा गलती सर्जरी, दवा की मात्रा, दवा देने में चूक, जांच के लिए नमूना लेना, उसे रखरखाव व उसकी रिपोर्टिंग करने में होती है। उन्होंने कहा लगभग 10 तरह की खामियों पर ध्यान देकर मरीजों को सही व इलाज मुहैया कराया जा सकता है।
डॉ. राजेश ने कहा कि भारत ही नहीं अमेरिका में भी गलत इलाज की चपेट में मरीज आ रहे हैं। अमेरिका में प्रतिवर्ष लगभग 98 हजार मामले गलत इलाज के आते हैं।
पीजीआई में जल्द ही पेशेंट सेफ्टी गाइडलाइन तैयार की जाएगी। इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। अभी पेशेंट सेफ्टी सेल बनाया गया है। जो दवाओं के रिएक्शन, संक्रमण पर काम कर रही है।