लखनऊ। लोग जन संख्या वृद्धि के नुकसान को समझे और जनसं ख्या नियंत्रण में अपनी भागेदारी दें। यूपी का फर्टिलिटी रेट देश के फर्टिलिटी रेट से अधिक है हमें इसे कम करना होगा अन्यथा प्रदेश की स्थिति और खराब होगी। इस काम में दंपत्ति नंबर वन प्रोजेक्ट लाभदायक हो सकता है। यह बात चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कही। चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री मोबिंयस फाउंडेशन के प्रोजेक्ट द पति न बर वन के फेज-2 का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जनसं या नियंत्रण के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों को चलाए जाने की जरूरत है। यह एक अनोखा कार्यक्रम है जिसके तहत प्रदेश में द पत्ति न बर वन का चुनाव होगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी शामिल किया जाना चाहिए ताकि लोगों की रूचि इसमें बढ़ेगी तथा योजना का आम लोगों पर अधिक प्रभाव होगा।
जनसं या वृद्घि एक बड़ी समस्या है इस पर हमें और अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश में अनेक योजनाएं चल रही है उसके बावजूद जनंस या वृद्धि का प्रतिशत उ मीद के मुताबिक कम नहीं हो रहा है। मोबिंयस फाउंडेशन के कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि जब एनजीओ सरकारी योजनाओं में सहयोग करते हैं तो लक्ष्य प्राप्त करना और आसान हो जाता है। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने मोबाइल वैन को झंडी दिखाकर रवाना किया। जनंस या वृद्धि को रोकने के लिए जन आंदोलन की जरूरत है। बड़े स्तर पर जनसं या वृद्धि के बारे मेें लोगों को जागरुक किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यूपी का फर्टिलिटी रेट काफी अधिक है आंकड़ों में देखें तो यह देश के फर्टिलिटी रेट से भी अधिक है जो खतरनाक है। द पत्ति न बर वन का पहला चरण बाराबंकी और बहराइच के 200 गावों में चलाया जा चुका है। प्रोजेक्ट में आशा के माध्यम से संस्था ने घर-घर जाकर महिलाओं को जनसं या वृद्धि के नुकसान बताए। लोगों को प्रेरित किया कि वह आबादी को कम करने की दिशा में काम करें और अधिक बच्चे न करें। इस दौरान महिलाओं को गर्भनिरोधक उपायों आदि की जानकारी दी गयी थी।
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