सावधानी: जरा सी चूक आैर सूनी हो गयी गोद

0
666
Photo Source: www.q8india.com

लखनऊ । शिशु को पिलाने में छोटी चूक ने एक मां की गोद सूनी कर दी। शुक्रवार को सआदतगंज निवासी ने अपने तीन साल के मासूम शिशु को बेड पर लिटाकर दाल का पानी पिलाने से फेफड़े में फंस गया। इससे बच्चे को हिचकी आई और वह बेहोश छाने लगी। आनन-फ ानन में शिशु को नजदीकी अस्पताल ले गये, जहां से शिशु को बच्चे को लेकर ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया।

Advertisement

यहां रेजीडेंट डॉक्टर करीब 45 मिनट तक शिशु को सीपीआर करके जीवन बचाने की कोशिश की,पर शिशु की सांस नहीं लौट पायी। डॉक्टरों का कहना था समय रहते शिशु आता तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी आैर शिशुओं को लेटे लेटे चम्मच से कोई भी पेय पदार्थ पिलाने में सावधानी बरतनी चाहिए।

बताया जाता है कि सआदतगंज की रहने वाली महिला तीन वर्षीय शिशु को सुबह दाल का पानी पिला रही थी। बताते है कि शिशु दाल पीते-पीते बिस्तर पर लेट गया। मां ने भी उसे पुचकारते हुए लेटे लेटे ही दाल का पानी पिलाती रही। इसी बीच शिशु ने हिचकी ली आैर फेफेड़ों में पानी चला गया। शिशु को हिचकी आने साथ ही बेहोश हो गया। यह देख मंा घबरा गई। आनन फानन में उसे लेकर नजदीकी अस्पताल ले गई, जहां डाक्टर ने कु छ देर में ही केजीएमयू रेफर कर दिया। सही जानकारी न होने पर वह केजीएमयू ओपीडी परिसर में भटकती रही। काफी देर बाद वह लोगों की सलाह पर वह ट्रॉमा सेंटर की कैजुल्टी में पहुंची।

यहां पर रेजीडेंट डॉ. जितेंद्र व नर्सो की टीम ने बच्चे को बचाने में जुट गये। यहां पर रेजीडेंट डॉक्टर करीब 45 मिनट तक शिशु के सीपीआर करके सांस वापस लौटाने में लगे रहे, अौर मां अपने लाल की सांस लौटने की फरियाद करती रही। डॉक्टर के पसीने छूट गए और शिशु की जान चली गई। डॉक्टरों का कहना था समय रहते ही बच्चे को लाया गया होता तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी।

Previous articleकेजीएमयू : कैंसर का इलाज अब इन दवाओं से
Next articleमंत्री ने केजीएमयू से जानकारी की तलब

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here