लखनऊ। हजरतगंज स्थित वीरागंना झलकारीबाई अस्पताल के अंदर दलाल सक्रिय हंै। यहां पर प्रसूता को निगेटिव ब्लड ग्रुप के साथ ही प्राइवेट वार्ड दिलाने के नाम पर दलाल ने तीमारदार से तीस हजार रुपए ले लिए। इस खून के दलाल ने सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक में ब्लड जमा होने का दावा करते हुए रविवार सुबह तीमारदार दलाल संग ब्लड बैंक तक गया, लेकिन वहां पर चकमा देकर निकलने लगा, शक होने पर तीमारदार ने चिल्ला दिया तो कर्मचारियों की मदद से पकड़ लिया। मौक पर पहुंची पुलिस ने जहां दलाल की सुलह कराकर छोड़ दिया।
झलकारीबाई अस्पताल में गर्भवती महिला ज्योति तिवारी का इलाज चल रहा है। यहां पर डाक्टरों ने सोमवार को उसका सिजेरियन डिलीवरी कराने का दावा किया था। डॉक्टरों ने तीमारदारों से ए निगेटिव ब्लड एक यूनिट का इंतजाम करने का निर्देश दिया। बताते है कि तीमारदार को ए निगेटिव ब्लड ग्रुप नहीं आसानी से मिल रहा था आैर डोनर भी मौजूद नहीं था। प्रसूता के पति को झलकारीबाई अस्पताल के गेट पर बातचीत में युवक ने तीस हजार रुपए में निगेटिव ग्रुप का एक यूनिट ब्लड के साथ प्राइवेट कमरा दिलाने का आश्वासन देते हुए तीस हजार रुपये ले लिए। तीमारदार का कहना है कि यह तीस हजार रुपये एडंवास लिए गये थे। ऑपरेशन से पहले तीमारदार ने दलाल को फोन करके ब्लड के बारे में पूछा तो उसने लोहिया अस्पताल के ब्लड बैंक से खून लाकर सिविल ब्लड बैंक में जमा करने का दावा किया।
रविवार सुबह करीब 11 बजे दलाल को सिविल अस्पताल पहुंच कर बुलाया। वहां पर उसके संग ब्लड बैंक में जमा खून के बारे में पड़ताल करने लगा। सिविल ब्लड बैंक से पहुंचते ही दलाल वहां से भागने लगा। यह देख तीमारदार ने कर्मचारियों की मदद से उसे पकड़ लिया। तीमारदार ने खून के बारे में पता किया तो ए निगेटिव ब्लड ग्रुप वहां जमा नहीं मिला। निदेशक ने पुलिस को बुलाकर दलाल को पुलिस को सौंप दिया। पुलिस चौकी पर दोनों पक्षों की काफी देर वार्ता बाद दलाल ने रुपए वापस कर दिए। पुलिस ने खून के दलाल को चौकी से ही छोड़ दिया।
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