लखनऊ। मरीज को बंधक बनाने का आरोप लगने वाले एफआई अस्पताल बिना पंजीकरण के चल रहा है। मरीज की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निरीक्षण करके नोटिस दे दिया था। एफआई अस्पताल के प्रबंधन आज कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाए। स्वास्थ्य विभाग अब अस्पताल पर सख्त कार्रवाई करते हुए सील करने की तैयारी कर रहा है।
बताते चले कि कुछ दिन पहले एफ आई अस्पताल में मरीज का इलाज के दौरान रुपये न देने पर बंधक बनाने का आरोप लगा था। तीमारदार के इस आरोप पर पुलिस ने हस्तक्षेप करके मरीज को डिस्चार्ज करा दिया था। मरीज को परिजनों ने दूसरे अस्पताल में भर्ती करा दिया था। जहां पर मरीज की इलाज के दौरान मौत हो गयी। मरीज की मौत के बाद सीएमओ की टीम ने एफआई अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण में काफी कमियां पायी गयी थी, अस्पताल मानक के अनुसार नही चल रहा था। फिर भी एफआई प्रबंधन ने सभी व्यवस्था को चाक चौबंद बनाया। इस पर नोटिस देकर सभी दस्तावेज दिखाने के लिए कहा गया। आज एफआई अस्पताल के लोग सीएमओ कार्यालय पहुंचे।
सीएमओ डा. जीएस बाजपेयी को कोई भी ठोस दस्तावेज नहीं दिखा पाये। उनके पास किसी भी मानक को पूरा करने वाले दस्तावेज नहीं था। खास कर उनका पंजीकरण दो वर्ष पहले से नहीं था। बताया जाता है कि एफआई का वर्तमान प्रबधंन ने एफआई को किसी से खरीदा था आैर उसके बाद से खुद संचालन कर रहा था। बताया जाता है कि अस्पताल में न तो पैरामेडिकल स्टाफ था आैर न ही डाक्टर मौजूद थे। इसके बाद भी वेंटिलेटर से लेकर आईसीयू तक चल रहा था।