लखनऊ। संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश ने प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेज के आउटसोर्सिंग/संविदा कर्मचारियों का वेतन शासन स्तर से कम करने पर नाराजगी जताई है। संघ के पदाधिकारियों ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ को लिखे पत्र में मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अनुपालन कराया जाए।
प्रदेश के 19 राजकीय और स्वशासी मेडिकल कॉलेज में सेवा प्रदाता कंपनी की ओर से हजारों कर्मचारी अलग-अलग पदों पर काम कर रहे हैं। कुछ मेडिकल कॉलेजों में कई कर्मचारियों की तैनाती भी होनी है। चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण के महानिदेशक की ओर से 15 अप्रैल को कर्मचारियों का वेतन निर्धारण का एक आदेश जारी किया गया। इस आदेश में संविदा या आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को पूर्व में मिल रहे वेतन में भी कटौती कर दी गई है।
शासन के आदेश पर निर्धारित किए गए वेतन से कर्मचारी नाखुश और नाराज हैं। क्योंकि इस नए वेतन निर्धारण में कर्मचारियों का वेतन तीन से छह हजार रुपए कम कर दिया गया है। संघ के पदाधिकारी रितेश मल्ल, मनीष मिश्र, सूरज गुप्ता आदि ने बैठक कर बताया कि विभाग में कार्यरत हजारों कर्मचारी अनुभवी और योग्यता के मुताबिक मेडिकल कॉलेजों में निष्ठापूर्वक काम कर रहे हैं। इसके बाद भी वेतन में कटौती करना गलत है। जबकि वेतन बढ़ना चाहिए। लंबे समय से कर्मचारी न्यूनतम 18000 रुपए तक फिक्स करने की मांग भी कर रहे हैं। प्रदेश के अन्य विभागों में भी वेतन इन कर्मचारियों से ज्यादा है।
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