लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के न्यूरोसर्जरी विभाग की ओपीडी में मरीज देखने की नयी गाइड लाइन बनायी जा रही है। इसके तहत पहले गंभीर मरीजों को परामर्श दिया जाएगा। इसके बाद फॉलोअप में आने वाले ऐसे मरीज को परामर्श दिया जाएगा। एक नया सिस्टम विकसित करने की तैंयारी शुरू हो चुकी है। इसके तहत कई विकल्पों में एक विकल्प यह है कि मरीजों को पहले कम्युनिटी मेडिसिन विभाग में देखा जाए। वहां से चयनित किये गये गंभीर मरीजों को न्यूरोलॉजी विभाग की ओपीडी में परामर्श के लिए भेजा जाए।
केजीएमयू सूत्रों की मानें तो पिछली कार्य परिषद में न्यूरोलॉजी विभाग की ओपीडी में सिर्फ 250 मरीजों को परामर्श दिये जाने का प्रस्ताव रखा गया था। विचार विमर्श के बाद यह प्रस्ताव को पास नहीं किया गया, लेकिन इसकी जगह मरीजों के परामर्श के लिए नयी गाइड लाइन को विकसित करने का सुझाव दिया गया, ताकि गंभीर मरीजों को जल्द इलाज मिल सके। मरीजों की भीड़ के कारण गंभीर मरीजों को दोपहर के बाद तक ओपीडी में डाक्टर से परामर्श के लिए इंतजार न करना पड़े। केजीएमयू के प्रवक्ता प्रो. के के सिंह का कहना है कि न्यूरोलॉजी की ओपीडी में लगभग 40 प्रतिशत पुराने मरीज होते है,ं जो कि बीमारी नियंत्रित होने के बाद दवाओं का सेवन कर रहे है। इस दौरान मरीज की जांच रिपोर्ट्स देखकर केवल दवाएं लिखनी होती हैं।
यह फालो अप की दवाएं विभाग के सीनियर रेजीडेंट्स या कम्युनिटी मेडिसिन के डॉक्टर भी लिख सकते हैं। लिहाजा एक ऐसे विकल्प को लागू करने पर मंथन चल रहा है, ताकि गंभीर मरीजों की पहचान कर उन्हें सीनियर डॉक्टरों की ओपीडी में पहले दिखाया जा सके।