लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में एथिकल कमेटी का लाइसेंस समाप्त हो चुका है। इस कारण पिछले चार महीने से रिसर्च और प्रोजेक्ट वर्क रूक गया है। किसी भी प्रकार के नये रिसर्च और प्रोजेक्ट के लिए संस्थान की एथिकल कमेटी (नैतिकता समिति) की संस्तुति की आवश्यकता होती है, लेकिन एथिकल कमेटी के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं होने से रिसर्च स्कालरों को लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। रिसर्च के लिए नये प्रोजेक्ट को अनुमति नहीं मिल पा रही है।
बताते चले कि केजीएमयू में लगभग 60 विभाग संचालित होते हैं। इन विभागों में प्रत्येक वर्ष सैकड़ों की संख्या में रिसर्च होते हैं। क्लीनिकल प्रोजेक्ट पर भी काम होता हैं। रिसर्च व प्रोजेक्ट वर्क करने से पहले रिसर्च स्कालर व प्रोजेक्ट को एथिकल कमेटी से पास कराना होता है। केजीएमयू जिम्मेदार अधिकारियों की ढुलमुल रवैये से एथिकल कमेटी के लाइसेंस की अवधि 28 नवंबर 2024 को पूरा हो चुका है।
इसके बाद से शोध व प्रोजेक्ट कार्य को हरी झंडी मिलने में परेशानी आ रही है। केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि विभाग स्तर पर कमेटी का लाइसेंस है, जबकि सीडीएससीओ के लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया चल रही है।