लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डाक्टरों ने अमेठी के एक किशोर को विकलांग होने से बचा लिया। मशीन से कट कर अलग हुए हाथ को आठ घंटे की जटिल सर्जरी के बाद जोड़ दिया। मरीज का हाथ पूरी तरह से ठीक होने पर सोमवार को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।
अमेठी निवासी 14 वर्षीय विवांश यादव का पांच नवंबर को स्पेलर मशीन से तेल निकालते समय कंधे से पूरा हाथ कटकर अलग हो गया था। परिजन उसे आनन-फानन में मुंशीगंज अस्पताल लेकर पहुंचे जहां से डॉक्टर ने केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के लिए रेफर कर दिया। इसके साथ ही कटे हुए हाथ को बर्फ में रखकर मरीज के परिजनों को सौंप दिया। लगभग दस बजे रात को मरीज के परिजन केजीएमयू के ट्रामा सेंटर लेकर पहुंचे, जहां मरीज को प्लास्टिक सर्जरी के डॉक्टर व उनकी टीम ने जांच की साथ ही कटे हुए हाथ की गहनता से जांच की। यहां पर कुछ जरु री जांचों के बाद तुरंत ऑपरेशन थियेटर में मरीज को ले गये। यहां पर सबसे पहले कटे हुए हाथ सफाई करने के बाद हाथ के रिप्लांटेशन की तैयारी की गई। यह जटिल ऑपरेशन करीब 7-8 घंटे में माइक्रोव्सुकलर तकनीक द्वारा पूरा किया गया।
प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विभाग प्रमुख प्रो. विजय कुमार ने बताया कि मरीज का काफी मात्रा में ब्लड बह भी गया था, इस कारण मरीज को तीन यूनिट ब्लड भी चढ़ाया गया। सर्जरी में प्रो. विजय कुमार के साथ उनकी टीम से डॉ. संध्या पाण्डेय, डॉ. किरन सिलवाल, डॉ. शैलेंद्र कुमार सिंह, ऑर्थोपेडिक सर्जरी से डॉ. प्रेम राज, एनेस्थीसिया विभाग, डॉ. चिन्ता काव्या, डा. नम्रता, डा. प्राची, डा. मेहविश खान, डा. रोहित, डा. कार्तिकेय ने मिलकर इस ऑपरेशन अंजाम दिया। कटे हुए हाथ में ब्लड सर्कुलेशन शुरु होने के बाद धीरे-धीरे फीजियोथेरेपी शुरु की गयी। इसके बाद मरीज को जरूरी निर्देश के बाद सोमवार को डिस्चार्ज कर दिया गया।