Kgmu : जल्दी ही लंग्स प्रत्यारोपण की कवायद

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लखनऊ । किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग ने अपनी स्थापना के 75वें वर्ष में 75 कार्यक्रमों के क्रम में रविवार को अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में इंटरनेशनल रेस्परेटरी कांफ्रेंस और केजीएमयू-केसीएच अल्युमिनाई मीट का आयोजन हाइब्रिाड मोड में किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ केजीएमयू के कुलपति ले. जनरल डॉ. बिपिन पुरी ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों जानकारी देते हुए कहा कि जल्द ही लंग्स ट्रांसप्लांट की चुनौतियों को दूर किया जाएगा। इस अवसर पर रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के पुरातन चिकित्सकों-छात्रों (अल्युमिनाई) ने अपने यादगार लम्हों को साझा किया। इसके साथ ही चिकित्सा के क्षेत्र में किये नए शोधों को भी एक दूसरे से शेयर किया ।

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कुलपति डॉ. पुरी ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में विश्वविद्यालय ने कई प्रतिमान स्थापित किये हैं । कार्डियक, लिवर व किडनी ट्रांसप्लांट जैसी सुविधाएँ लोगों को मिल रहीं हैं। उनका प्रयास होगा कि लंग्स ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में आ रहीं चुनौतियों को भी दूर किया जाये। उन्होंने कहा कि विभाग ने पिछले 75 वर्षों में 350 चेस्ट फिजिशियन दिए हैं ,जो कि अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। कुलपति ने ई-सोविनियर और केजीएमयू-केसीएच अल्युमिनाई डायरेक्टरी का भी विमोचन किया। डॉ. पुरी ने अल्युमिनाई के वरिष्ठ चिकित्सकों डॉ. पी. एन. वर्मा, डॉ. वी.के.जैन, डॉ. वी.बी. सिंह, डॉ. एम. एन. कपूर व डॉ. ए. के. मित्तल को प्रतीक चिन्ह भेंटकर स्वागत किया और उनके योगदान को सराहा।

रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. सूर्यकान्त ने कहा कि विभाग ने कोविड काल में दिन-रात सक्रिय रहकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को वायरस से बचाने का काम किया है। इसके साथ ही विभागों के आंतरिक मूल्यांकन में रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग दूसरे स्थान पर रहा। डॉ. सूर्यकान्त ने विभाग के पुरातन चिकित्सकों (अल्युमिनाई) को अवगत कराया कि भविष्य में सभी को विभाग की तरफ से चिकित्सा जगत के नए शोध एवं जानकारियों से अवगत कराया जायेगा एवं हर पांच साल पर ऐसा आयोजन किया जायेगा।
इस अवसर पर सीनियर अल्युमिनाई डॉ. वी.के. जैन ने कहा कि देश के पुरातन व प्रतिष्ठित संस्थानों में केजीएमयू शामिल रहा है। इसकी गौरवगाथा को आगे बढाने का कार्य हम सभी को मिलकर करना चाहिए । केजीएमयू अल्युमिनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. एस. डी. पाण्डेय ने कहा कि विश्वविद्यालय में करीब 60 विभाग वर्तमान में चल रहे हैं, जिनमें से 40 में पोस्ट ग्रेजुएट की पढाई की सुविधा है। एसोसिएशन के सचिव डॉ. पी. के. शर्मा ने भी जार्जियन फ्रेंडशिप को बढ़ावा देते हुए देश-विदेश में केजीएमयू का नाम रोशन करने का काम करें।
कार्यक्रम में डॉ. टी. जी. रंगनाथ (रायपुर), डॉ. अम्बरीश जोशी (जबलपुर), डॉ. अंकित भाटिया (नई दिल्ली), डॉ. मधुरमय (झाँसी), डॉ. जी.वी. सिंह (आगरा), डॉ. नितेश तयाल (गाजियाबाद), डॉ. राजीव टंडन (बरेली), डॉ. ऋचा गुप्ता (वेल्लोर), डॉ. अपर जिंदल (हैदराबाद) ने चेस्ट से जुड़ीं बीमारियों पर अपना व्याख्यान दिया । इंडोनेशिया से डॉ. अगस्त्य डी. सुशांतो ने धूम्रपान निषेध पर इंडोनेशिया का अपना अनुभव साझा किया, तो आस्ट्रेलिया के डॉ. शिवेश प्रकाश ने लंग्स अल्ट्रासाउंड की मौजूदा सुविधाओं पर प्रकाश डाला । कार्यक्रम से सैकड़ों लोग ऑनलाइन व ऑफ़लाइन जुड़े । कार्यक्रम में रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के चिकित्सक डॉ. आर.एस. कुशवाहा, डॉ. राजीव गर्ग, डॉ. अजय कुमार वर्मा, डॉ. आनन्द कुमार श्रीवास्तव, डॉ. दर्शन कुमार बजाज, डॉ. ज्योति बाजपेयी, डॉ. अंकित कुमार व रेजिडेंट चिकित्सक, छात्र-छात्राएं व समस्त स्टाफ उपस्थित रहा ।

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