लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार को विशेषज्ञ डाक्टरों ने 21 वां लिवर प्रत्यारोपण सफलता कर दिया। प्रत्यारोपण में पत्नी ने पति को लिवर दान किया है। आईसीयू में दोनों मरीज डाक्टरों की निगरानी में हैं। कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने सर्जरी टीम के सदस्यों को 21 लिवर प्रत्यारोपण की बधाई दी है।
देवरिया निवासी राकेश सिंह को लिवर की दिक्कत काफी समय से चल रही थी। स्थानीय डाक्टरों से इलाज कराने के बाद भी तबीयत में सुधार नहीं हो रहा था। उसकी हालात लगातार बिगड़ती जा रही थी। मरीजों को जांच में लिवर सोराइसिस व पीलिया पुष्टि हो चुकी थी, यह दोनों को इलाज के बाद भी ठीक नहीं हो रहा था। परिजनों ने नौ मार्च को गंभीर अवस्था में राकेश को लेकर गेस्ट्रो सर्जरी विभाग पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने जांच के बाद लिवर प्रत्यारोपण ही एक मात्र रास्ता बताया। इसके बाद 38 वर्षीय पत्नी ममता सिंह ने डाक्टरों से लिवर दान करने के लिए कहा। इसके बाद डॉक्टरों ने ब्लड व अन्य जांचें करायी। जांच में ममता का लिवर राकेश से मैच कर गया। गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. अभिजीत चन्द्रा के नेतृत्व में बुधवार ट्रांसप्लांट शुरू किया, यह करीब दस घंटे तक चला। डॉक्टरों का कहना है कि शराब का सेवन लिवर सोराइसिस की एक प्रमुख कारण होता है।
डॉ. अभिजीत चन्द्रा ने बताया कि प्रत्यारोपण में लिवर का एक भाग लिया जाता है। जो कि कुछ समय बाद वापस अपने सामान्य आकार में आ जाता है। उन्होंने बताया कि प्रत्यारोपण के बाद मरीज व डोनर दोनों की स्वस्थ्य की निगरानी की जा रही है। फिलहाल दोनों की तबीयत खतरे से बाहर है।
डॉ. अभिजीत चन्द्रा ने बताया कि अब तक 21 लिवर प्रत्योपण हुए हैं। इसमें 15 लाइव डोनर प्रत्यारोपण हैं, जबकि छह कैडवरिक (ब्रोन डेड ) मरीजों के लिवर लिये गये। उन्होंने बताया कि 90 प्रतिशत प्रत्यारोपण सफल हैं।
डॉ. अभिजीत चन्द्रा के साथ टीम में डॉ. एस कुमार, डॉ. आशीष, डॉ. महेश, डॉ. रवि पटेल, डॉ. कृष्णा डॉ. यशवर्धन, डॉ. डी मुक्तेश्वर, डॉ. रवीन्द्र, डॉ. श्वेता, डॉ. तन्मय तिवारी, डॉ. राजेश रमन, डॉ. रति प्रभा, सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार, डॉ. तूलिका चन्द्रा, डॉ. अमिता जैन, डॉ. गौरव चौधरी, डॉ. सुमित रूंगटा , डॉ. अजय कुमार समेत अन्य डॉक्टरों ने सहयोग किया। टीम में 20 रेजिडेंट व 50 पैरामेडिकील स्टाफ ने प्रत्यारोपण को सफल बनाने में सहयोग किया।