Kgmu: 24घंटे में दो सफल लिवर प्रत्यारोपण,रच दिया इतिहास

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लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में डॉक्टरों ने 24 घंटे के अंदर दो लिवर ट्रांसप्लांट कर दो लोगों को जिंदगी बचा ली। दोनों ही मरीज लिवर की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे।
एक ब्रेनडेड पुरुष के शरीर से लिवर निकालकर 45 वर्षीय शख्स में प्रत्यारोपित किया गया है। वहीं दूसरे लिवर ट्रांसप्लांट में एक पत्नी ने अपने पति को लिवर का एक भाग देकर उसकी जान बचा ली है।

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गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और लिवर ट्रांसप्लांट विभाग में बीते 24 घंटों में दो लिवर प्रत्यारोपण किया है। जिन दो मरीजों में लिवर प्रत्यारोपित किया गया है। दोनों का स्वास्थ्य ठीक बताया जा रहा है। लिवर ट्रांसप्लांट करने वाले डॉक्टरों का दावा है कि देश में अपनी तरह का यह पहला मामला है जब एक सरकारी संस्थान में दो लोगों का 24 घंटे के अंदर लिवर ट्रांसप्लांट हुआ हो।

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और लिवर ट्रांसप्लांट विभाग के प्रमुख प्रोफेसर अभिजीत चंद्रा ने बताया कि राजाजीपुरम निवासी 58 वर्षीय व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल हो गये थे। इलाज के लिए उन्हें केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था, जहां पर वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। इलाज के दौरान, उन्हें 6 नवंबर को “ब्रेन डेड” घोषित कर दिया गया और केजीएमयू अंग दान टीम ने परिवार को अंग दान के लिए परामर्श दिया। हताश परिवार के सदस्यों ने किसी तरह हिम्मत जुटाकर अंगदान के लिए सहमति दे दी। दाता के परिवार के सदस्यों के इस नेक फैसले ने मौत की ओर देख रहे एक जरूरतमंद मरीज को नई जिंदगी देने का काम किया है। उसके बाद सोमवार सुबह डॉक्टरों की एक टीम ने परिवार से सहमति मिलने के बाद क्रमिक कैडवेरिक लिवर प्रत्यारोपण किया।

कैडवेरिक लिवर प्रत्यारोपण से पहले सोमवार को डॉक्टरों ने पहला लिवर प्रत्यारोपण किया। इसमें एक महिला ने अपने 40 वर्षीय पति को लिवर देकर उसकी जान बचाई है। अब तक केजीएमयू, में कुल 30 लिवर प्रत्यारोपण (23 जीवित दाता और 7 ब्रेन डेड) किए गए हैं।

सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी टीम का नेतृत्व प्रोफेसर अभिजीत चंद्रा (एचओडी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और लिवर ट्रांसप्लांट विभाग, केजीएमयू) ने किया है।

इसके अलावा डॉ. उत्कर्ष श्रीवास्तव, डॉ. गुराना कृष्ण राव, डॉ. रवींद्र बुधवानी, डॉ. यश वर्धन सिन्हा और डॉ. रोहित, डॉ. संजय, डॉ. दीबन, डॉ. अरुण, डॉ. ध्रुव, डॉ. रामराज, डॉ. आकाश, डॉ. आदिवेथ, डॉ. जूली और सर्जिकल विभाग से पीयूष श्रीवास्तव और क्षितिज वर्मा, नंद गोपाल (प्रत्यारोपण समन्वयक) गैस्ट्रोएंटरोलॉजी शामिल रहे। एनेस्थीसिया टीम से प्रो. मोनिका कोहली, डॉ. तन्मय तिवारी, डॉ. रवि प्रकाश, और डॉ. राजेश रमन और डॉ. पुलक शामिल रहे। ओटी स्टाफ रूपाश्री, सत्यप्रकाश, जय प्रकाश, सिस्टर अनीता, सिस्टर साधना, और 50 से अधिक ओटी, आईसीयू, वार्ड नर्स और सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग कर्मचारी के कर्मचारी शामिल रहे।

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