लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय अपने डॉक्टरों को मेडिकोज को पढ़ाने का तौर-तरीका का प्रशिक्षण देता है। इसके साथ ही नये क्लीनिकल अपडेट दिये जाते है। ताकि बीमारियों का इलाज और बेहतर तरीके से किया जा सके। इसके साथ ही मरीज-तीमारदारों से व्यवहार कुशल कैसे रहें। इसका भी प्रशिक्षण दिया जाता है।
यही डाक्टर अपने मेडिकोज क्लासेज में सौ प्रतिशत उपस्थिति पर जोर देते है। लेकिन यही केजीएमयू के डॉक्टर खुद अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम से गायब हो जाते हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम से गायब हो जाने व बीच से गायब होने वाले 29 डॉक्टरों को चिन्हित कर केजीएमयू नोटिस जारी की है।
बताते चले कि केजीएमयू डॉक्टरों पर मरीजों के इलाज संग मेडिकोज के पढ़ाई की जिम्मेदारी रहती है।
इसके लिए समय-समय पर डॉक्टरों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है। बताते चले पांच अप्रैल को केजीएमयू कलाम सेंटर में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें 29 डॉक्टर ने प्रशिक्षण को नजरअंदाज किया। रिकॉर्ड के अनुसार 14 डॉक्टर तो प्रशिक्षण में ही नहीं आये, जबकि 15 डॉक्टर प्रशिक्षण कार्यक्रम में पहुंचे, लेकिन बीच में छोड़कर चले गए। इस जानकारी को केजीएमयू कुलपति ने गंभीरता से ले लिया है। केजीएमयू प्रशासन ने सोमवार को सभी प्रशिक्षण कार्यक्रम में हीलाहवाली करने वाले डॉक्टरों को नोटिस जारी की है। कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने समर विकेशन से पहले सभी डॉक्टरों से प्रशिक्षण पूरा करने के निर्देश जारी किये हैं।
इन को दी गई नोटिस
यह डाक्टर प्रशिक्षण से रहे गायब
डॉ. बालेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. संदीप कुमार वर्मा, डॉ. सुरेंद्र कुमार, डॉ. अरमीन अहमद, डॉ. एसपी वर्मा, डॉ. सुनील कुमार चतुर्वेदी, डॉ. विवेक, डॉ. राजीव कुमार सिंह, डॉ. उर्मिला धाकड़ समेत अन्य डॉक्टर प्रशिक्षण कार्यक्रम से गैरहाजिर रहे।
बीच में प्रशिक्षण से गायब डाक्टर
डॉ. संजोग सिंधु, डॉ. अतिन सिंघल, डॉ. पुनीत प्रकाश, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. सौरभ कुमार डॉ. अर्पित सिंह समेत अन्य डॉक्टर बीच में प्रशिक्षण छोड़कर चले गए।