लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन ने ट्रामा सेंटर में तैनाती के बाद गुपचुप तरीके से विभागों से तबादला कराने वाले 106 डाक्टरों को वापस करने का निर्णय लिया है। यह डाक्टर लगभग तीन वर्षो से गुपचुप तरीके से विभागों में तबादला करा कर काम कर रहे थे।
बताते चले कि वर्ष 2013 में केजीएमयू के तत्कालीन डा. डीके गुप्ता ने ट्रामा सेंटर की बेहतर क्लीनिकल व्यवस्था के लिए 32 डाक्टरों की भर्ती की थी। यह सब विभिन्न विभागों में तैनात किये गये थे, ताकि इमरजेंसी में मरीजों को उच्चस्तरीय इलाज मिल सके। इसके अलावा 72 सीनियर रेजीडेंट डाक्टरों की तैनाती की गयी थी। इसमें आर्थोपैडिक,जनरल सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, पीडियाट्रिक समेत विभाग में तैनात हुए थे, परन्तु बदलते समय के साथ डाक्टरों व सीनियर रेजीडेंटों ने अपने जुगाड़ के आधार पर ट्रामा सेंटर से तैनाती हटवा कर विभागों में तबादला करा लिया। इन डाक्टरों की ट्रामा सेंटर में रोटेशन में ड¬ूटी लगायी जाती थी।
इस कारण भी ट्रामा सेंटर में मरीजों के इलाज का भार जूनियर डाक्टरों पर पड़ी आैर चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गयी। इन डाक्टरों की तैनाती की शिकायत केजीएमयू प्रशासन से की गयी तो केजीएमयू प्रशासन ने बैठक करके डाक्टरों व रेजीडेंट डाक्टरों की सूची तलब की। इसके बाद अब इन डाक्टरों व रेजीडेंट डाक्टरों को दोबारा ट्रामा सेंटर में तैनाती की तैयारी शुरू कर दी है। बताया जाता है कि इनमें काफी डाक्टर पहले केजीएमयू प्रशासन के अधिकारियों के काफी करीब थे। इस लिए यह न तो विभाग में रहते थे आैर न ही ट्रामा सेंटर में इनको रहना पसंद था।