लखनऊ। एसिड अटैक में घायल पीड़िता की हालत में सुधार होने पर किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्लास्टिक सर्जरी विभाग से शुक्रवार को डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं एमबीबीएस कर रहा मौसरे भाई के हाथ और कंधे में घाव की पहली सर्जरी की गयी है। डॉक्टरों का कहना है कि कई चरणों में छात्र की सर्जरी करनी पड़ सकती हंै।
बीती तीन जुलाई को चौक के लोंिहया पार्क के पास युवती पर एसिड अटैक हुआ था। एसिड अटैक में चेहरा के कुछ भाग व कंधा चपेट में आया था। डाक्टरों का कहना का कहना है कि पांच प्रतिशत युवती बर्न हुई थी। इस दौरान केजीएमयू एमबीबीएस द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत उसका मौसेरा भाई एसिड अटैक से बचाने में बुरी तरह से घायल हो गया था। डाक्टरों के अनुसार छात्र दस प्रतिशत बर्न हो गया था। दोनों को केजीएमयू में भर्ती कराया गया।
प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर दोनों का इलाज कर रहे हैं। स्वास्थ में सुधार के बाद युवती को डिस्चार्ज कर दिया गया। डॉ. रवि सिंह का कहना है कि युवती के घाव काफी हद तक ठीक है। आंख में मामूली चोट है। जो कि कुछ दिनों में ठीक हो जाएगी। चेहरे व दूसरे अंगों में बर्न का इलाज जारी है। युवती को फालोअप के लिए आना होगा। धीरे-धीरे घाव भर जाएंगे। डा. रवि ने बताया कि मौसरे भाई के कंधे, पीठ और हाथ के घाव की सर्जरी की गयी है। उन्होंने बताया कि घाव की सर्जरी करते हुए दूसरे अंग से स्किन ग्राफटिंग की गयी है। उन्होंने बताया कि कुछ अंतराल पर घावों की स्थिति को देखते सर्जरी की जाएगी। फिलहाल छात्र की तबीयत स्थिर बनी हुई है।