Kgmu: ऐसे बनेंगे,असली जैसे दिखेंगे कृत्रिम अंग

0
17

केजीएमयू के डेंटल यूनिट की ओरल पैथालॉजी विभाग में

Advertisement

लखनऊ। किं ग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ओरल पैथालॉजी विभाग में अब दांतों के इलाज के साथ कृत्रिम अंग भी बनाएगा। शुरुआत में कृत्रिम हाथ बनाकर की गयी है। कानपुर के एचबीटीयू के सहयोग से दो कृत्रिम हाथ हो गये है। यह कृत्रिम हाथ मरीज के अंगों की कापी लग रहे है।
केजीएमयू के डेंटल यूनिट में ओरल पैथालॉजी में दांतों से जुड़ी बीमारियों की ब्लड आदि से जुड़ी जांचे होती है।

इससे मरीज के इलाज का लाइन आफ ट्रीटमेंट तय हो जाता है। विभाग प्रमुख डा. शालिनी गुप्ता ने बताया कि कृत्रिम हाथ एक्स्ट्रा ओरल स्कैनर की मदद से तैयार कि ये गये है। उन्होंने बताया कि आम तौर पर कृत्रिम हाथ दूर से अलग प्रकार के दिखते है। इन कृत्रिम हाथों को बनाने से पहले एक्स्ट्रा ओरल स्कैनर से उन व्यक्तियों के दूसरे हाथ को स्कैन किया जाता है। मरीज के ओरिजनल हाथ के रंग,आकार आैर मोटाई के आधार पर कृत्रिम हाथ की डिजाइन तैयार किया जाता है। फिर उसे कानपुर के एचबीटींयू संस्थान से प्रिंट कराया जाता है। इसके बाद सिंथेटिक पदार्थ से अंग तैयार किये गये। यह कृत्रिम अंग काफी हल्के होते है। उन्होंने बताया कि दो कृत्रिम हाथ बनावा कर अलग- अलग मरीजों को लगाये गये है। डा. शालिनी ने बताया कि हाथ कृत्रिम होने के बाद रंग, मोटाई व आकार से मेल खा रहे है। उन्होंने बताया गया कि अगर देखा जाए तो असली नकली अंग में अंतर करना मुश्किल होता है।

उन्होंने बताया कि विभाग ने हाथ के साथ नाक कान समेत अन्य अंग तैयार करने की कवायद कि या जा रहा है। इसके लिए विभाग ने हैप्टिक विद जियो मैजिक सॉफ्टवेयर खरीदा गया है। इससे एक्सीडेंट में अंग गवाने वालों को असली जैसे दिखने वाले अंग लगाये जा सकेंगे।

Previous article30 की हो गयी, ब्रेस्ट की यह जांच करायें जरूर
Next articleआपकी यह डाइट बना रही Diabetic patient

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here