Kgmu: शताब्दी वन में सर्जिकल सामान बेचते पकड़ा गया दलाल

0
484

 

Advertisement

 

 

 

लखनऊ। किं ग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के शताब्दी फेज- वन में अवैध रूप से मेडिकल व सर्जिकल सामान की बिक्री का खुलासा हुआ है। शिकायत के आधार पर चीफ प्रॉक्टर ने अवैध रूप से सर्जिकल समान मरीजों को बेचते पकड़ा है। मौके पर पूछताछ व बरामद सामान के आधार केजीएमयू प्रशासन ने उसे पुलिस के सौंप दिया है।

 

 

 

 

 

 

शताब्दी फेज-वन के भूतल में इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी समेत दूसरे विभागों का संचालन हो रहा है। चीफ प्रॉक्टर डॉ. क्षितिज श्रीवास्तव ने बताया कि सोमवार को शाम पांच बजे शिकायत मिली कि एक संदिग्ध व्यक्ति शताब्दी के पास मरीजों को सर्जिकल सामान बेच रहा है। सूचना के आधार पर वह टीम के साथ शताब्दी फेज- वन में मौके पर पहुंचे। वह संदिग्ध व्यक्ति आलमबाग निवासी को मेडिकल व सर्जिकल सामान मरीजों को बेच रहा था। मौके पर उस शख्स के पास से काफी सर्जिकल सामान भी मिला जो कि बेचने के लिए था।

 

 

 

 

 

चीफ प्रॉक्टर ने बताया कि करीब आधे घंटे दलाल से पूछताछ में पता चला कि पहली बार सामान की बिक्री के अंदर आया था, लेकिन उसने पहली बार परिसर के भीतर सामान बेचने की बात स्वीकार किया। चीफ प्रॉक्टर ने मौके पर पुलिस बुलाकर दलाल को पुलिस के सौंप दिया।
बताते चले कि तमाम कोशिशों के बाद भी केजीएमयू में दलालों पर पाबंदी नहीं लग पा रही है। परिसर ही वार्ड तक में घुस कर मरीजों को सामान व दवाएं बेच देते हैं।

 

 

 

अधिकारी कुछ नही कर पाते है। बताया जाता है कि दलाल तो ब्लड सैंपल लेकर भी जांच के लिए निकल जाते है आैर जांच रिपोर्ट तीमारदार को पीडीएफ कर दी जाती है। जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि दलाल के पास कुछ खास तरह के कैथेटर बरामद हुए हैं। तकनीकी रूप से प्रयोग किये जाने वाले कैथेटर को सिर्फ डॉक्टर ही जानते हैं। यह कैथेटर परिसर में खुले सस्ती दर के स्टोर पर उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में मरीजों की बेबसी का दलाल फायदा उठा कर दाम में आन स्पाट ही पहुंचा देते हैं। संभावना व्यक्त की जा रही है कि इसमें ड¬ूटी पर तैनात डॉक्टर व कर्मचारियों की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।

Previous articleनिजी अस्पतालों के यह नियम होंगे सख्त, एक्शन के निर्देश
Next articleशहर में स्वाइन फ्लू अचानक इतने मामले बढ़े

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here