लखनऊ। केजीएमयू कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार के नेतृत्व में आज सुबह सभी कर्मचारी की केजीएमयू प्रशासनिक भवन के सामने एकत्र हो हुए। यहां पर अध्यक्ष प्रदीप गंगवार ने पेट के बल लेट कर चलते हुए मुख्यमंत्री आवास जाने के लिए शुरुआत की। इसके बाद अन्य कर्मचारियों ने भी पेट के बल लेट करके उनके साथ चलने लगे। कर्मचारी गेट तक पहुंचे ही थे कि पुलिस बल ने उनको गेट से आगे निकलने से मना कर दिया। इस बात को लेकर कर्मचारियों और पुलिस बल में कहासुनी भी हुई लेकिन पुलिस उन्हें आगे नहीं निकलने दे रही थी। इस पर कर्मचारियों ने वहीं पर बैठ कर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान कर्मचारी नेता अरविंद निगम सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे।
अध्यक्ष प्रदीप गंगवार और महामंत्री राजन यादव ने बताया कि केजीएमयू के गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को पीजीआई लखनऊ के गैर शैक्षिक कर्मचारियों के समान भर्ती हेतु न्यूनतम शैक्षिक एवं तकनीकी अर्हता व अनुभव, भर्ती की विधि एवं कार्य उत्तरदायित्व रखते हुए पीजीआई के समान वेतन भत्ते एवं अन्य सुविधाएं शासनादेश निर्गत की तिथि 23 अगस्त, 2016 से अनुमन्य की गई है। लेकिन शासनादेश के बाद संवर्गीय पुनर्गठन की प्रक्रिया पांच साल बाद अभी तक पूर्णत: लंबित है। वर्तमान समय तक मात्र नर्सिंग एवं अन्य संवर्ग का शासनादेश जारी किया गया है। जिससे केजीएमयू कर्मचारियों में अधिक रोष व्याप्त है। गुरुवार को कुलसचिव की ओर से प्रमुख सचिव को भेजे गए पत्र में अनुरोध किया गया था कि कर्मचारी परिषद के मांग पत्र के अनुसार केजीएमयू प्रशासन को निर्देश जारी करें। जिससे कर्मचारियों से वार्ता कर आंदोलन को रोका जा सके। आंदोलन होने से मरीजों और तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। उधर, कर्मचारी परिषद अपने आंदोलन से पीछे हटने को तैयार नहीं हो रहा है।