लखनऊ। विश्व पटल पर पताका फहराने वाले किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के डॉक्टर शासन की उपेक्षा से हताश है। डॉक्टरों ने मरीजों के हित को देखते हुए काला फीता बांधकर सांकेतिक विरोध किया , लेकिन फिर भी शासन ने उनकी मांगों को अनदेखा कर दिया। केजीएमयू चिकित्सक संघ ने आज हुई आमसभा में कर्मचारियों के आंदोलन को समर्थन तो दे दिया और स्थिति पर नजर रखेंगे। इसके बाद सामूहिक कार्य बहिष्कार करने पर मजबूर होंगे।
केजीएमयू अधिनियम/ परिनियमावली में सरकार द्वारा प्रावधान किए जाने के बावजूद प्राशासनिक उदासीनता के कारण केजीएमयू के शिक्षकों को एसजीपीजीआई के समान वेतन/पेमेट्रिक्स एवं ग्रेजुयटी जैसे सेवानिवृत्तिक लाभ नहीं दिया जा रहा है। आम सभा द्वारा लिए गए निर्णय के क्रम में समस्त शिक्षकों द्वारा दिनांक 29.8.2022 से दिनांक 5.9.2020 तक काला फीता बांधकर प्रशासन का ध्यानाकर्षण किया गया, लेकिन शासन द्वारा इसका कोई संज्ञान नही लिया गया।
इसी प्रकार केजीएमयू के कर्मचारियों की मांगों पर प्रशासनिक उदासीनता के कारण सभी कर्मचारी आज से कार्य वहिष्कार पर हैं, जिसका सभी शिक्षकों द्वारा आम सभा में सर्वसम्मति से समर्थन किया गया।
आम सभा में निर्णय लिया गया कि कर्मचारियों के कार्य वहिष्कार की अवधि में शिक्षकों द्वारा उन्हे सैद्धान्तिक समर्थन दिया जाय। शिक्षक संघ स्थिति पर नजर रखेगा । सर्वसम्मत से निर्णय लिया गया कि कर्मचारियों की वाजिब मांगों पर कार्य बहिष्कार रहने तक शिक्षकगण अपनी मांगों का समर्थन करते रहेंगे।
इसके बाद भी हमारी वैधानिक मांगें पूरी न होने पर सभी शिक्षक सामूहिक कार्य वहिष्कार हेतु बाध्य होंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार एवं प्रशासन की होगी ।