लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के सर्जन डा. विजय कुमार व उनकी टीम ने दस वर्षीय लड़की का दायां कटा हुआ हाथ जोड़ कर उसकी मुस्कान लौटा दी। लगभग छह घंटे तक चली सर्जरी के बाद डाक्टरों ने कटे हाथ को जोड़ने में सफलता पायी। डा. विजय कुमार बताते है कि रायबरेली निवासी दस वर्षीय श्वेता का दाहिना हाथ मशीन से चारा काटते वक्त अलग हो गया। हाथ कलाई के पास से पूरी तरह से कट कर अलग हो गया था। आनन-फानन में परिजन उसे स्थानीय डाक्टर के पास ले गये, जहां पर उसे तत्काल केजीएमयू के ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया।
डाक्टरों ने खुद ब्लड का भी इंतजाम किया –
इसके बाद भी उसे केजीएमयू ट्रामा पहुंचने पर डाक्टरों ने जांच पड़ताल के बाद तत्काल उसे प्लास्टिक सर्जरी रेफर कर दिया। केजीएमयू आते आते बच्ची के ब्लड का काफी रिसाव हो गया था। डा. विजय कुमार बताते है कि बच्ची का काफी ब्लड बह चुका था, मौका कम होने के कारण डाक्टरों ने खुद ब्लड का भी इंतजाम किया आैर सर्जरी करने की तैंयारी शुरू की दी। उन्होंने बताया कि सर्जरी में सबसे पहले हाथ की हड्डी को जोड़ा गया। इसके बाद रक्त वाहिकाओं, नसों व शिराये को माइक्रो सर्जरी विधि से जोड़ दी गयी। उन्होंने बताया कि 5 से छह घंटे तक चले आपरेशन के बाद हाथ को बेहतर तकनीक से जोड़ दिया।
डा. विजय कुमार ने बताया कि मरीज 24 दिन बाद भी जोड़ा गया हाथ ठीक है। उन्होंने बताया कि आपरेशन करने में उनके साथ रेजीडेंट डा. रवीद्र, डा. पवन कुमार, डा. समीर के अलावा एनेस्थीसिया के डाक्टर के साथ ही ओटी स्टाफ का सहयोग रहा। उन्होंने बताया कि हाथ या कोई भी अंग कटने के बाद रोगी का पहले छह से आठ घंटे महत्वपूर्ण होते है।