लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में लगातार हो रहे लिवर प्रत्यारोपण योजना को तड़गा झटका लग गया है। विभाग के डॉक्टर प्रदीप जोशी ने अचानक इस्तीफा दे दिया। यहां दो महीने से लिवर प्रत्यारोपण भी नही किया जा सका है। इसका कारण विभाग में पर्याप्त कर्मचारी मौजूद नहीं होना जाना बताया जा रहा है। डॉ. जोशी का इस्तीफा केजीएमयू के गैस्ट्रोलॉजी विभाग के लिए बड़ा झटका है। विभाग में इससे पहले यहां के लगभग दर्जनभर संकाय सदस्य छोड़ कर जा चुके है। डॉ प्रदीप जोशी लिवर ट्रांसप्लांट करने वाली टीम के मेम्बर थे । इस विभाग से दो संकाय सदस्य लिवर ट्रांसप्लांट शुरू होने के बाद इस्तीफा दे चुके हैं।
इस तरह केजीएमयू में साल भर के अंदर करीब 10 संकाय सदस्य इस्तीफा दे चुके हैं। छोड़ कर जाने के बाद अभी तक संकाय सदस्यों की नियुक्ति नहीं की जा सकी है । इसका खामियाजा मरीजों को झेलना पड़ रहा है। इससे पहले एंडोक्रिनोलॉजी के इकलौते संकाय सदस्य भी इस्तीफा दे चुके हैं । इस वजह से यह विभाग बंद हो गया है । इस विभाग के मरीज अब मेडिसिन विभाग में देखे जाते हैं ।
बताते चले कि नेफ्रोलोजी यूनिट पहले ही बंद हो चुकी है। हालांकि इस यूनिट के संचालन के लिए यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ डाक्टर को जिम्मेदारी दी गयी है , लेकिन अभी सिर्फ डायलिसिस हो पा रही है, मरीजों को अन्य सुविधाएं बंद है । इसी तरह न्यूरो सर्जरी, सीटीवीस विभाग के संकाय सदस्य भी इस्तीफा दे चुके है। यहां पर मरीजों को इलाज कराने में दिक्कत रही है।
उधर देखा जाए तो केजीएमयू प्रशासन संकाय सदस्यों को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। इस्तीफे के संबंध में डॉ प्रदीप जोशी ने कारण व्यक्तिगत बताया है । फिलहाल वह 4 अप्रैल तक संस्थान में काम करते रहेंगे यह इनका नोटिस पीरियड होगा। बताते है कि डा. जोशी एक संस्थान में जा सकते है।
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