लखनऊ। अपने बेटे की जान बचाने के लिए पिता ने किडनी दान कर किया। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ डाक्टरों ने शनिवार को बेटे में किडनी को सफलता पूर्वक प्रत्यारोपित कर दिया है। केजीएमयू में यह सफल पांचवा किडनी प्रत्यारोपण है। डॉक्टरों के मुताबिक प्रत्यारोपण के बाद मरीज की तबीयत स्थिर बनी हुई है।
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लखनऊ के रहने वाले 24 वर्षीय युवक की किडनी लगभग चार वर्ष से खराब चल रही थी। पिता ने कई निजी अस्पतालों में इलाज कराया, लेकिन मरीज की हालत में सुधार नहीं हो पाया। डायलिसिस होने के बाद भी मरीज की तबीयत बिगड़ती जा रही थी। निजी अस्पतालों के डाक्टरों ने बायोप्सी जांच कर किडनी के खराब होने के कारणों का पता लगाया गया। उसके बाद डॉक्टरों ने मरीज को किडनी प्रत्यारोपण का परामर्श दिया।
इसके बाद किसी के सलाह पर परिजन मरीज को लेकर केजीएमयू नेफ्रोलॉजी विभाग की ओपीडी में पहुंचे। यहां भी डॉक्टरों ने जांच के बाद किडनी प्रत्यारोपण कराने की परामर्श दिया। नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. विश्वजीत सिंह ने बताया कि सभी जानकारी मिलने के बाद पिता ने किडनी दान करने का निर्णय लिया। खास बात यह थी कि असाध्य कार्ड होने से खर्च की समस्या सामने नहीं आयी। नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. विश्वजीत सिंह के नेतृत्व में किडनी प्रत्यारोपण में सीएमएस व यूरोलॉजी विभाग डॉ. एसएन शंखवार, डॉ. मेधीवी गौतम, डॉ. लक्ष्य और डॉ. दुर्गेश पुष्कर, पीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. नारायण प्रसाद के साथ ही कई अन्य डॉक्टरों ने यह प्रत्यारोपण किया।
प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक यह चौथा जीवित और कुल मिलाकर पांचवा किडनी प्रत्यारोपण है।