लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में देहदान करने वाले के जीवन साथी का इलाज अब निशुल्क होगा। इन लोगों को केजीएमयू में कहीं इलाज के लिए लाइन भी नहीं लगानी होगी। इनका इलाज प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। यह निर्णय शुक्रवार को केजीएमयू कार्य परिषद की बैठक में लिया गया।
कुलपति डॉ. बिपिन पुरी की अध्यक्षता में कार्यपरिषद की बैठक का आयोजन किया गया। केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि संस्थान को अपनी देहदान करने वाले व्यक्ति के जीवन साथी को खास यूनिक आईडी दी जाएगी। इसके माध्यम से हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। वर्ष में एक बार ब्लड व रेडियोलॉजी की जांच करायी जाएगी। उन्होंने बताया कि इसका मकसद देहदान के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करना है। देह एमबीबीएस व बीडीएस छात्रों के पढ़ाई के अध्ययन के काम आती है। इसके अलावा संविदा पर शिक्षकों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति पॉलिसी में शामिल करने के प्रस्ताव को भी अनुमति दे दी गई।
कार्यपरिषद की बैठक में फारेंसिक आडोंटोलॉजी लैब को ओरल पैथालॉजी तथा माइक्रोबायोलॉजी के साथ मिलाने के प्रस्ताव को एक सिरे से खारिज कर दिया गया। इसके अलावा बैठक में पैथालॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पी अर्हता में परिवर्तन करने के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर हरी झंडी दे दी गयी।
कार्यपरिषद में विभिन्न विभागों में संविदा पर तैनात होने वाले डाक्टरों की तैनाती को हरी झंडी दे दी गयी। इनमें लिवर ट्रांसप्लांट, नियोनेटल, पीडियाट्रिक विभाग में विशेषज्ञ डाक्टरों को संविदा पर रखा जाना है ताकि मरीजों का दबाव कम हो सके। विभागों में विशेषज्ञ डाक्टर संविदा पर तैनात होने से अन्य डाक्टर आैर बेहतर इलाज कर सकेंगे।