लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की पुरानी ओपीडी भवन के तीसरे तल से चार साल की बच्ची गिर पड़ी। वहां पर अफरा- तफरी मच गयी। बच्ची के सिर व शरीर के अंगों में गंभीर चोटे आयी हैं। आनन-फानन परिजनों व सुरक्षाकर्मियों ने बच्ची को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया। जहां उसे एम्बुबैग के सहारे सांसे दी जा रही हैं। केजीएमयू प्रवक्ता डा. सुधीर का कहना है कि बच्ची पीआईसीयू में भर्ती है। जहां पर डा. चंन्द्रकांता के देखरेख में इलाज चल रहा है। बच्ची की हालत में सुधार है, लेकिन हालत नाजुक बनी हुई है।
गोंड़ा के परसोना गांव निवासी माही सबा (04) की आंखों का इलाज केजीएमयू के नेत्र रोग विभाग में चल रहा है। बीते 13 फरवरी को सबा की आंख की सर्जरी हुई थी। पिता जुबैर का कहना है कि बेटी को मोतियाबिंद की दिक्कत थी। सर्जरी के बाद बृहस्पतिवार को रूटीन जांच के लिए परिजन सबा को लेकर पुराने ओपीडी भवन के तीसरे तल पहुंचे थे। यहां नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में डॉक्टर की सलाह पर सुबह करीब नौ बजे माही की आंख में दवा डाली गयी थी। इसी दौरान उसकी मां अपने दूसरे बच्चों की देखरेख करने लगी। अचानक सबा खेलते हुए रैंम्प के पास पहुंच गई।
परिजनों का कहना है कि बेटी का पैर फिसल गया। वह तीसरे तल से सीधे भूतल पर गिर गयी। बच्ची के नीचे गिरने पर वहां पर हड़कम्प मच गया।
अमृत फार्मेसी के सामने बच्ची फर्श पर खून से लथ-पथ अवस्था में गिरी थी। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई। दवा खरीदने के लिए खरीद लोग नीचे गिरी बच्ची को देखकर सन्न रह गए। वहां पर भगदड़ सी मच गयी। आनन-फानन सुरक्षा गार्डों ने बच्ची को उठाया। तब तक परिजन भी पहुंच गए थे। बच्ची को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। यहां डॉक्टरों ने खून व रेडियोलॉजी से संबंधी दूसरी जांचे कराईं। जांच में सिर में गंभीर चोटे हैं। शरीर के दूसरे अंगों में भी चोटें आई हैं। सांस लेने में तकलीफ की वजह से डॉक्टरों ने बच्ची को एम्बुबैग का प्रयोग किया गया। केजीएमयू डॉक्टरों का कहना है कि 24 से 48 घंटे बच्ची की सेहत के लिए अहम है।