लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में किडनी प्रत्यारोपण शुरू होने जा रहा है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक की तरफ से केजीएमयू को किडनी प्रत्यारोपण का लाइसेंस दे दिया गया है। केजीएमयू के जिम्मेदार अधिकारियों ने उम्मीद की है कि अप्रैल से प्रत्यारोपण कि या जा सकता है। किडनी प्रत्यारोपण में तीन से पांच लाख रुपये में खर्च हो सकता है।
राजधानी में पीजीआई और लोहिया संस्थान में किडनी प्रत्यारोपण कि ये जाने की सुविधा है। इन संस्थानों में प्रदेश भर से मरीज किडनी प्रत्यारोपण उम्मीद लेकर पहुंचते हैं। यहां पर प्रत्यारोपण के लिए मरीजों का काफी दबाव बना रहता है। लम्बी वेंटिग होने के कारण मरीजों को चार से सात महीने बाद ही किडनी प्रत्यारोपण हो पाता है। आर्थिक स्थिति से मजबूत मरीज प्राइवेट संस्थानों में ज्यादा खर्च पर गुर्दा प्रत्यारोपण कराने को मजबूर हो जाते हैं, लेकिन गरीब मरीज किडनी प्रत्यारोपण के इंतजार में डायलिसिस कराते रहते हैं। इसके अलावा किडनी की जटिल बीमारियों के मरीजों को भी इलाज किया जा सके गा।
मरीजों की दिक्कतों को दूर करने के लिए केजीएमयू प्रशासन ने काफी समय से कोशिश कर रहा था। पूरी तैयारी के बाद किडनी प्रत्यारोपण का निर्णय लिया गया है। इसका प्रस्ताव चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशालय में भेजा। बुधवार को महानिदेशालय की तरफ से केजीएमयू को लाइसेंस जारी कर दिया है। अब केजीएमयू में भी गुर्दा प्रत्यारोपण हो सकेगा।