लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में क्वीन मेरी अस्पताल आैर कार्डियक वस्कुलर थारोसिक सर्जरी विभाग के डाक्टरों ने एक साथ टीम वर्क करके जटिल सर्जरी करके एक नया इतिहास रचा गया है। डाक्टरों ने एक ही शिफ्ट में सिजेरियन डिलीवरी और कार्डिंंयक सर्जरी की गई। केजीएमयू प्रशासन का दावा है कि अभी तक प्रदेश के किसी भी अस्पताल में एक ही वक्त पर दोनों सर्जरी नहीं की गयी है। यह पहली बार हुआ है। सर्जरी के बाद जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ है।
क्वीन मेरी अस्पताल की प्रो. सुजाता देव ने बताया कि उत्तराखंड निवासी 27 वर्षीय आशा पिखावा को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। नौ महीने का गर्भ होने के साथ ही वह दिल की गंभीर बीमारी सुपर वैस्कुलर क्रिटिकल एऑर्टिक स्टेनोसिस से पीड़ित थीं, लेकिन वह समय पर हार्ट की सर्जरी नहीं करा सकी थी आैर गर्भवती हो गयी।
हार्ट की बीमारी की वजह से वह प्रसव पीड़ा सहन करने की स्थिति में भी नहीं थीं, क्योंकि उनका हार्ट की सर्जरी करने की स्थिति में एनीस्थीसिया देने में जान जाने का खतरा था। डाक्टरों की टीम ने काफी विचार-विमर्श के बाद दोनों सर्जरी एक साथ करने का फैसला किया गया। नौ फरवरी को दोनों विभागों के डाक्टरों की टीम ने सेफ प्लान के अनुसार एक ही शिफ्ट में सफल सर्जरी करने में कामयाबी हासिल की। शुक्रवार को दोनों मां-बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
सर्जरी करने वाली टीम में
क्वीन मेरी अस्पताल की प्रसूति एवं स्त्री रोग वरिष्ठ प्रो. सुजाता देव, डॉ. वंदना सोलंकी, डॉ. नम्रता शामिल थी। इसके साथ ही एनीस्थीसिया विभाग से प्रो. जीपी सिंह, डॉ. करण कौशिक, डॉ. रति बाला अपनी जिम्मेदारी सम्हाली थी। इसके अलावा सीटवीएस विभाग के वरिष्ठ प्रो. एसके सिंह, डॉ. विवेक तेवर्सन, डॉ. भूपेंद्र और डॉ. जीशान सर्जरी टीम में थे।