वर्ष 2020 में ट्रक पर लदी लाखों की एलईडी व जनरेटर पकड़ा था
लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच रिपोर्ट के आधार पर जूनियर इंजीनियर को बर्खास्त कर दिया है। इस जूनियर इंजीनियर पर सबसे गंभीर आरोप रात में नेडा की लगभग ग्यारह हजार एलईडी लाइटें और 10 केवीए का जनरेटर लदा ट्रक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर परिसर से बाहर ले जा रहा थे। अवैध तरीके से जा रहे ट्रक को अधिकारियों ने पकड़ा लिया था आैर जांच किया था। जांच में केजीएमयू के इंजीनियर की भूमिका संदिग्ध होने के बाद रिपोर्ट के आधार पर जूनियर इंजीनियर को पहले निलंबित किया गया था, फिर बर्खास्त कर दिया गया है।
बताते चले कि पांच अक्तूबर वर्ष 2020 में सुबह ट्रक (यूपी 32 एटी 8181) फर्जी गेट पास बनाकर एक जनरेटर तथा अन्य उपकरण केजीएमयू से बाहर ले जाने का प्रयास किया था। मुख्य पीआरओ दफ्तर के पास कर्मचारियों ने ट्रक को रोक कर जांच किया। ट्रक चालक व कर्मचारियों ने कागज दिखाये जो कि कर्मचारियों को दस्तावेज फर्जी लगे। कर्मचारियों ने इसकी सूचना रात में तत्कालीन चीफ प्रॉक्टर डॉ. आरएएस कुशवाहा को दी थी। प्रॉक्टर टीम संग मौके पर पहुंच गये। जांच में ट्रक में 11 हजार 671 एलईडी लाइट बरामद हुई। इन लाइटों की स्टॉक में इंट्री नहीं की गयी थी। इंजीनियर ने इसके लिए कंपनी को रिसीविंग भी दी थी, लेकिन यह लाइटे केजीएमयू के परिसर में कहीं नहीं लगायी गयी थी। ट्रक में 10 केवीए का जनरेटर लदा था। इसकी भी स्टॉक में इंट्री नहीं थी। इसकी केजीएमयू प्रशासन ने उच्चस्तरीय चार सदस्यीय जांच कमेठी गठित कर दी थी। जांच में केजीएमयू के इंजीनियर की भूमिका गड़बड़ मिलने पर पूछताछ हुई। कमेटी ने आरोपी इंजीनियर को चार्जशीट देकर उसके बयान लिए थे। जांच समिति ने इंजीनियर को तीन मामलों में आरोपी बनाया था। जांच कमेटी को जांच में आरोप सही मिले।
केजीएमयू के इन आरोपों को जेई ने सिरे से नकार दिया है। खुद को निर्दोष बताया। जेई का दावा है कि ट्रक पर लदे सामान का गबन नहीं किया जा रहा था। इसे शताब्दी भवन में रखा जाना था। इस संबंध में संबंधित व्यक्ति से बात हुई थी। सुबह नौ बजे के बाद परिसर के भीतर भारी वाहनों की नो इंट्री हो जाती है। इसलिए सुबह सात बजे का समय तय किया गया। वहीं एलईडी लाइट गायब होने के आरोप को भी अपने जवाब में नकारा है। जांच में पहला आरोप 11 हजार 671 एलईडी लाइट के गबन का है। दूसरा आरोप 10 केवीए एसी जनरेटर व बिजली के उपकरण गबन करने का है। तीसरा आरोप लोकसेवक के आचरण के विरुद्ध व्यवहार करने का है।